नई दिल्ली। पुडुचेरी में सरकार गिरने के बाद कांग्रेस ने दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य गंवा दिया। कभी कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में माने जाने वाले दक्षिण में आज पार्टी सभी राज्यों में सत्ता से बाहर हो चुकी है। पुडुचेरी में कांग्रेस नीत वी नारायणसामी सरकार को सदन में आज बहुमत साबित करना था। मतदान से पहले ही कांग्रेस और डीएमके के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने ऐलान किया कि सरकार बहुमत साबित करने में विफल रही है।
सिर्फ 3 राज्यों में कांग्रेस के सीएम, 2 राज्यों में गठबंधन
कांग्रेस पार्टी सत्ता की लड़ाई में लगातार भाजपा से पिछड़ती जा रही है। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और झारखंड को छोड़कर आज पूरे देशभर में पार्टी सत्ता से बाहर है। महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस भले ही सत्ता में हो लेकिन यहां पार्टी की भूमिका क्रमशः नंबर तीन और नंबर दो की ही है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए चुनौती
इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। इसमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी शामिल हैं। इन चुनावों में पार्टी के लिए जीत हासिल करना बड़ी चुनौती है। पश्चिम बंगाल में तो मुख्य लड़ाई इस बार भाजपा और तृणमूल के बीच ही मानी जा रही है। यहां पार्टी लेफ्ट के साथ गठबंधन में है। वहीं तमिलनाडु में पार्टी डीएमके के साथ गठबंधन के जरिये सत्ता में आने की कोशिश करेगी। केरल में पार्टी का वाम नीत एलडीएफ से मुकाबला है। असम में भाजपा की सरकार है। यहां कांग्रेस की सीधी लड़ाई भाजपा से है।
See also पश्चिमी दिल्ली। वाहन चोरी की कई वारदातों को अंजाम देने वाले दो सगे भाइयों गुरजीत व अवतार को तिलक नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चोरी के बाद वाहनों के हिस्से अलग अलग कर दिए जाते थे ताकि उसे ठिकाने लगाने में आसानी हो। इस कार्य के लिए विशेषज्ञ की मदद ली जाती थी। इस मामले में पुलिस ने चुराए गए वाहनों की खरीददारी करने वाले चार आरोपितों को भी पकड़ा है। पुलिस ने उस विशेषज्ञ को दबोच लिया जो वाहनों के पूर्जे अलग करता था। इन गिरफ्तारियों के आधार पर पुलिस अभी तक 22 मामलों के सुलझने का दावा कर रही है। उधर आरोपितों ने पुलिस के समक्ष दावा किया है वे अभी तक 50 वाहनों की चोरी कर चुके हैं। मामले की तहकीकात जारी है। दोनों भाईयों के अलावा गिरफ्तार आरोपितों में राजकुमार, आमिर, संदीप, अंकुश व गुलाब शामिल है। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने बड़ी मात्रा में कार के अलग अलग हिस्से बरामद किए हैं। 22 फरवरी को तिलक नगर थाना में एक शिकायतकर्ता ने सेंट्रो कार चोरी होने की बात बताई। इंस्पेक्टर सुनील कुमार व गुरसेवक सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने छानबीन शुरू की। पुलिस ने प्राप्त जानकारी के आधार पर पहले अवतार सिंह को दबोचा। इससे मिली जानकारी के आधार पर इसके भाई गुरजीत सिंह को पुलिस ने दबोचा। नरेला इलाके में एक फार्महाउस में इन्होंने किराए पर एक जगह ली थी। तिलक नगर, राजौरी गार्डन, जनकपुरी, विकासपुरी, ख्याला, रानीबाग, महिंद्रा पार्क व आसपास के इलाकों से चुराई गई गाड़ियों को लेकर आरोपित यहां पहुंचते। यहां गुलाब नामक मैकेनिक गाड़ियों के सभी हिस्से अलग अलग कर देता था। पता चला कि गुलाब मुंबई नगर निगम में कार्य कर चुका है। लाकडाउन में वह दिल्ली लौटा और यहां दोनों भाइयों के संपर्क में आने के बाद उसने इनके लिए कार्य करना शुरू कर दिया। पूर्जे अलग करने के बाद दिल्ली, पंजाब व हरियाणा के अलग अलग इलाकों में इच्छुक लोग इन पूर्जों को खरीदते थे। इसके बाद पुलिस धीरे धीरे करके सभी आरोपितों तक पहुंचती गई। आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने कार की बाडी, बैटरी, बंपर, टायर, बाेनट, हेड लाइट, सीएनजी सिलेंडर व अन्य हिस्से बरामद किए हैं।
पार्टी के अंदर कलह और बदलाव की मांग
इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी के अंदर कलह और राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व को लेकर असंतोष सार्वजनिक हो चुका है। पार्टी के भीतर ही दो धड़े हो गए हैं। पार्टी में आंतरिक चुनाव को लेकर गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा समेत 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिख पार्टी में बड़े बदलाव की मांग की थी। इसको लेकर कई बार वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई लेकिन नतीजा आज तक नहीं निकल पाया।
मप्र और कर्नाटक में कांग्रेस नहीं बचा पाई थी सत्ता
कांग्रेस के अंदरुनी लड़ाई की देन है कि दो राज्य मप्र और कर्नाटक में पार्टी को सत्ता तक गवांना पड़ा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में लौटी थी लेकिन यह सरकार 15 महीने भी नहीं टिक पाई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद मार्च 2020 में, कांग्रेस पार्टी के 25 विधायकों के राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर हो गई। वहीं जुलाई 2019 में कांग्रेस को उस समय झटका लगा था कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। जब कर्नाटक में जेडीएस के साथ उनकी गठबंधन सरकार सदन में विश्वास मत साबित करने में असफल रही थी। पार्टी ने इसके लिए विधायकों के विश्वासघात को जिम्मेदार माना था।