Home अपराध जिला अस्पताल के स्टाफ पर  बच्चा बदलने का आरोप लगा |
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जिला अस्पताल के स्टाफ पर  बच्चा बदलने का आरोप लगा |

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नोएडा के डिस्टिक अस्पताल में उस समय हँगामा हो गया जब डिलिवरी के लिए आई एक महिला मृत बच्ची पैदा हुई। महिला के परिजनो ने अस्पताल के स्टाफ पर  बच्चा बदलने का आरोप लगा कर परिजनो ने हंगामा शुरुकर दिया,महिला के पति ने आरोप लगाया की पहले अस्पताल के स्टाफ ने बताया गया को लड़का पैदा हुआ है, लेकिन जब बच्चा हाथ में दिया गया वह मृत लड़की थी। बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा किया। घटना की सूचना मिलने पर कोतवाल मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। परिजनों को डीएनए टेस्ट कराने का आश्वासन देकर शांत कराया गया।


नोएडा के सैक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में मंगलवार शाम 5:20 पर खोड़ा के वंदना एन्क्लेव निवासी दिनेश की पत्नी चांदनी को भर्ती कराया गया था। शाम 6:30पर महिला ने बच्ची को जन्म दिया। बच्ची 8 माह की थी और प्री-मेच्योर पैदा हुई थी। बच्ची और मां दोनों बेहद कमजोर थीं। डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि जल्द से जल्द बच्ची को बराबर में शिशु अस्पताल में भर्ती कराया जाए। कुछ देर बाद ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची के माता-पिता का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही बरती है, उनको लड़का हुआ था, जबकि अस्पताल कर्मचारियों ने उनको मृत बच्ची सौंपी है। बच्चा बदलने को लेकर परिजनों ने हंगामा किया और डॉक्टरों एवं स्टाफ से अभद्रता की। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी।

 बच्चा बदलने को लेकर हंगामा की सूचना मिलते ही सेक्टर-20 कोतवाली प्रभारी मौके पर पहुंच और परिजनों से बातचीत कर मामले को शांत कराया, डॉक्टर का कहना है की बच्ची की मां काफी कमजोर है और खून की कमी एवं वजन कम है। इसके कारण बच्ची भी कमजोर हुई थी और उसमें भी खून की कमी मिली। बच्ची की इन्हीं कारणों से प्री-मेच्योर डिलीवरी हुई। इस कारण बच्ची की मौत हो गई। बच्चा बदलने और इलाज में लापरवाही का आरोप बेबुनियाद है। परिवार डीएनए टेस्ट करा सकता है। इस आश्वासन पर ही परिजन शांत हुए।

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जिला अस्पताल में डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने और बच्चा बदलने के पहले भी कई बार आरोप लग चुके हैं। कई बार जिला अस्पताल में हंगामा किया जा चुका है। सेक्टर-20 कोतवाली प्रभारी का कहना है की इस मामले में यदि परिजन शिकायत देगे तो एफ़आईआर दर्ज़ कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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