लोनी। बुजुर्ग के साथ कथित मारपीट और दाढ़ी काटने का वीडियो वायरल करने वाले आरोपियों में से सबा नकवी और मोहम्मद जुबेर ने सोमवार को गाजियाबाद पुलिस के समक्ष हाजिरी दी। करीब डेढ़ घंटे तक चली पूछताछ में दोनों आरोपियों ने खुद को बेगुनाह बताया। उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों पर चल रही वारदात की फुटेज को ही उन्होंने रीट्वीट किया था। वहीं जैसे ही पुलिस ने इसका खंडन किया, इन्होंने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था।
दोनों आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ. ईरज राजा की मौजूदगी में अपने बयान दर्ज कराए। पुलिस के सभी सवालों का जवाब देते हुए आरोपियों ने अपनी सफाई पेश की। दोनों ने बताया कि उनका मकसद पीड़ित को न्याय दिलाना था। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने बताया कि दोनों आरोपियों को बयान दर्ज करने के बाद उनसे पासपोर्ट डिटेल समेत कुछ और जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है। साथ ही उन्हें बताया गया कि जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा बयान देने आना होगा।
गौरतलब है कि पांच जून को बुजुर्ग अब्दुल समद के साथ हुई मारपीट और दाढ़ी काटने की वारदात का वीडियो 14 जून को सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हुआ था। इस मामले में लोनी बॉर्डर कोतवाली पुलिस ने ट्विटर इंडिया समेत कुल नौ आरोपियों के खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज किया था। इस संबंध में पुलिस ने सभी आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए सीआरपीसी की धारा 91 का नोटिस दिया था। सोमवार को इस नोटिस का आखिरी दिन था। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि नोटिस अवधि में केवल शबा नकवी और मोहम्मद जुबेर ने उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराए हैं, जबकि बाकी के सात आरोपियों ने अभी तक कोई सूचना नहीं दी है।
दोबारा जारी होगा सीआरपीसी की धारा 41 का नोटिस
पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित पाठक ने बताया कि पहली नोटिस के बाद भी बयान दर्ज कराने के लिए हाजिर नहीं होने वाले सभी आरोपियों के नाम मंगलवार को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत दूसरा नोटिस जारी किया जाएगा। इस नोटिस में उन्हें पुलिस के पास हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए एक समय सीमा निर्धारित होगी। इसमें भी यदि आरोपी हाजिर नहीं होते हैं तो पुलिस इनके खिलाफ वारंट निकलवाने का प्रयास करेगी।
हाईकोर्ट में पक्ष रखेगी पुलिस
ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष महेश्वरी की याचिका के विरोध में गाजियाबाद पुलिस मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट जाएगी। इसमें पुलिस की ओर से पक्ष रखते हुए ट्विटर के एमडी द्वारा कोर्ट में रखे गए गलत तथ्यों को उजागर किया जाएगा। पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित पाठक ने बताया कि ट्विटर के एमडी मनीष महेश्वरी ने राहत पाने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में कई गलत तथ्य दिए हैं।