ग्रेटर नोएडा। जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट (एसआईए) रिपोर्ट पर जिला प्रशासन ने कुछ और जानकारी मांगी है। अगले दो दिनों में यह जानकारी जिला प्रशासन को मुहैया करा दी जाएगी। इसके बाद जिन गांवों की जमीन लेनी है, वहां जनसुनवाई शुरू होगी। उम्मीद है कि दशहरे के बाद यह काम होगा।
जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है। यह जमीन करौली बांगर, दयानतपुर, कुरैब, रनहेरा, मुढहर और बीरमपुर गांव की है। अधिकांश जमीन रनहेरा की है। नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत जमीन लेने से पहले एसआईए किया जाना है। जिन गांवों की जमीन ली जानी है, उनके किसानों की आजीविका का साधन क्या होगा। उनके सामाजिक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इन सभी बिंदुओं को इस सर्वे में शामिल किया जाता है। शासन के निर्देश पर ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने एसआईए सर्वे पूरा करके 25 सितंबर को जिला प्रशासन को सौंप दिया था। प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि इसमें करीब 3,800 परिवार विस्थापित होंगे।
जिला प्रशासन ने इस रिपोर्ट का अध्ययन किया और कुछ और जानकारी मांगी है। एसआईके नोडल अफसर डॉ. विवेक मिश्रा ने बताया कि जिला प्रशासन ने जो जानकारी मांगी हैं, उसे एक-दो दिन में दे दिया जाएगा। इसके बाद जिन गांव की जमीन ली जानी है, वहां पर जनसुनवाई होगी। उम्मीद है कि दशहरे के बाद यह जनसुनवाई शुरू की जाएगी। पहले जनसुनवाई 10 अक्टूबर से होनी थी, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा जानकारी मांगने के चलते जन सुनवाई टली है।