उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के भटनी रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार को एक मां और उसकी छह महीने की मासूम बच्ची ट्रेन की चपेट में आ गई। जबकि ढाई साल एक अन्य बच्चा भी उनके साथ था जिसे चाइल्ड केयर भेजा गया है। लोगों का आरोप है कि इस दुर्घटना में मां की तो तत्काल मौत हो गई थी लेकिन मासूम कुछ देर तक जिंदा रही। इस दौरान स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई थी लेकिन घटनास्थल को जीआरपी का क्षेत्र बताकर जीआरपी के जवानों के आने का इंतजार करती रही। इसी बीच मासूम की मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार स्थानीय पुलिस और जीआरपी के बीच सीमा निर्धारित करने में ही गंभीर रूप से घायल बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो पुलिस अगर मासूम के इलाज का प्रयास करती तो शायद उसकी जान बच जाती। अभी तक महिला और उसके बच्चे की पहचान नहीं हो सकी है। मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह भटनी के 117 नम्बर रेलवे गेट के पास एक मालगाड़ी और अमृतसर सहरसा के गुजरने के बाद लोगों ने सूचना दी कि एक महिला अपने दो बच्चों के साथ ट्रेन की चपेट में आ गयी है। गेट मैन ने घटना की जानकारी स्टेशन अधीक्षक कार्यालय को दी। आसपास के लोगों की सूचना पर पीआरवी तथा स्थानीय थानेदार गोपाल पाण्डेय भी मौके पर पहुंच गए।
लेकिन घटनास्थल को जीआरपी की सीमा में बताकर पुलिस ने जीआरपी को सूचना देकर इंतजार करना मुनासिब समझा। इस दौरान ट्रैक के किनारे छह माह की मासूम जिंदगी और मौत के बीच झूलती नजर आयी। स्थानीय पुलिस और जीआरपी के बीच सीमा विवाद के कारण मासूम ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया।
क्या बोले जिम्मेदार-
घटना की जानकारी हुई तो पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। घटनास्थल जीआरपी क्षेत्र में होने के कारण इसकी जानकारी जीआरपी को दी गई।
गोपाल पाण्डेय, निरीक्षक, थाना भटनी
सूचना मिली थी मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। सीमा विवाद का कोई मामला नहीं था। मासूम की हालत काफी गंभीर थी। एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहां मिले दूसरे बच्चे को चाइल्ड केयर भेजा गया है।
मुस्ताक अहमद, जीआरपी प्रभारी भटनी