नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण और बिल्डरों के बीच बकाए पर ब्याज को लेकर चल रहे मामले में इस महीने फैसला आने की उम्मीद है। फैसले पर दोनों शहरों के करीब 45 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता खुल जाएगा। इन फ्लैटों में रहने वाले लोग दो से तीन साल से रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं।
बकाए पर ब्याज को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में करीब सवा साल पहले जुलाई में कोर्ट ने बिल्डरों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए एमसीएलआर के हिसाब से बकाए पर ब्याज देने का आदेश दिया था। आदेश में यह भी कहा था कि एक महीने में 25 प्रतिशत और बाकी 75 प्रतिशत पैसा एक साल के अंदर बिल्डरों को देना होगा, तभी उन्हें इस सुविधा का फायदा दिया जाएगा।
एमसीएलआर के हिसाब से यह ब्याज करीब साढ़े आठ प्रतिशत होता है, जबकि प्राधिकरण 11 से 24 प्रतिशत तक लेता है। ऐसे में बिल्डरों पर बकाए की राशि काफी अधिक हो गई है। कोर्ट के आदेश पर प्राधिकरण ने पुर्नविचार याचिका दायर की थी जिसकी अभी तक सुनवाई चल रही है। पिछले तीन महीने में सात बार तारीख लग चुकी है। अभी एक अक्टूबर को तारीख थी। इसमें प्राधिकरण के वकील ने बहस की। प्राधिकरण के वकील के बोलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके बाद प्रतीक ग्रुप के वकील ने भी बहस की। अब इस मामले में आठ अक्टूबर अगली तारीख लगी है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि अब इस मामले में लगातार तारीख लग रही हैं। इससे इसी महीने फैसला आने की उम्मीद है।
बिल्डरों ने प्राधिकरण का बकाया नहीं चुकाया
महत्वपूर्ण यह है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चलने के कारण बिल्डरों ने करीब पौने दो साल से प्राधिकरण का बकाया देना बंद कर रखा है। बिना बकाए लिए प्राधिकरण ने रजिस्ट्री पर रोक लगा रखी है। नोएडा में ऐसे 27-28 हजार और ग्रेनो क्षेत्र में ऐसे 17-18 हजार फ्लैट खरीदार हैं जिनकी रजिस्ट्री अटकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से करीब 45 हजार लोगों के फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता खुलने की उम्मीद है।