नई दिल्ली। विदेश यात्रा के लिए जरूरी पासपोर्ट के दुरुपयोग से जुड़े मामलों ने पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआई) पर एक ही दिन में दो ऐसे मामले सामने आए, जिसमें आरोपियों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने दूसरे के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया है. अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि दूसरे के पासपोर्ट का इस्तेमाल क्यों और किस मकसद से किया गया। दोनों मामलों में आईजीआई थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला
पहले मामले में एक यात्री 11 जनवरी को जॉर्डन की राजधानी अम्मान से आईजीआई पर उतरा था। यहां इमिग्रेशन क्लीयरेंस के दौरान जब अधिकारियों ने उसके दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि फरवरी 2019 के महीने में विदेश से लौटने पर आरोपी के पासपोर्ट की जानकारी है। लेकिन उसके बाद विदेश जाने के पासपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इमिग्रेशन विभाग ने आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी यात्री ने दूसरे के पासपोर्ट का इस्तेमाल कर विदेश यात्रा की थी।
दूसरा मामला
दूसरे मामले में एक यात्री को अमेरिका के नेवार्क एयरपोर्ट से डिपोर्ट किया गया। इमिग्रेशन अधिकारियों ने यहां आईजीआई एयरपोर्ट पर जानकारी जुटाई तो पता चला कि अंतिम प्रस्थान की जानकारी यात्री के पासपोर्ट पर नहीं थी। यानी इस यात्री ने किसी और के पासपोर्ट का इस्तेमाल भी किया था।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस यात्री ने किसके पासपोर्ट का इस्तेमाल अमेरिका की यात्रा के लिए और कब किया था। पुलिस अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि विदेश जा रहे इन यात्रियों की गड़बड़ी का पता क्यों नहीं चला। जब उनके दस्तावेजों की जांच की गई होगी, तो गलती कहां थी? क्या कोई गिरोह है जो विदेश जाने के इच्छुक लोगों से रंगदारी लेकर फर्जी पासपोर्ट मुहैया करा रहा है। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब पुलिस तलाश रही है।