दरअसल देखा जाए तो बच्चों युवतियों के साथ जब कोई हैवान दुष्कर्म की घटना को नजाम देता है तो बहुत से पीड़ित अवसाद में चले जाते हैं समाज परिवार से कट जाते है और इनको को बाहर निकालने के लिए पुलिस ने यह पहल शुरू की है![](https://todaynewsindia.com/wp-content/uploads/2020/09/02e94ceb-32a8-4ebb-bcb7-7699527b7432-1-300x164.jpg)
जनपद की डीसीपी महिला सुरक्षा वृंदा शुक्ला ने बताया कि यह एक नई शुरुआत की गई है जिसमें जो बच्चे युवती रेप से पीड़ित हैं जो अवसाद में चले गए हैं उन्हें कैसे बाहर लाया जाए इसके लिए पुलिस ने 20 महिला पुलिस कर्मियों की टीम बनाई है इसमें 15 उपनिरीक्षक है और पांच काउंसलर है यह 15 उपनिरीक्षक केस के विवेचक भी है आज सेमिनार में इन्हें मनोचिकित्सक ट्रेंगी दे रहे है
कि कैसे काउंसिल करना है पीड़ित को अवसाद कैसे बाहर निकालना है
जनपद में जो रेप के पीड़ित हैं उन्हें चिन्हित करके उनके परिवार के पास काउंसलर तीन से चार बार जाएंगे और जो पीड़ित हैं उनकी काउंसलिंग करेंगे और उनको फिर जीवन की मुख्यधारा में लाने की कोशिश करेंगे, इसमें पुराने जो मामले हैं उनको नहीं ले सकते हैं जैसा कि मनोचिकित्सक बता रहे हैं लेकिन अगस्त के बाद जो घटनाएं घटी हैं उनके बेटों की काउंसलिंग की जाएगी