प्रदेशभर में मीट का व्यवसाय आज दूसरे दिन भी बंद रहा। दुकानों पर ताले लटके थे तो बिरयानी और कबाब भी नहीं बिका। शहर की मशहूर टुंडे कबाबी समेत अमीनाबाद और चौक में नॉनवेज की दुकानों पर सन्नाटा पसरा था। उत्तर प्रदेश मीट मुर्गा व्यापारी कल्याण समिति के अध्यक्ष चौधरी इकबाल कुरैशी ने बताया कि लखनऊ समेत प्रदेशभर की 90 प्रतिशत दुकानें बंद चल रही हैं। सरकार जब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती हैं बंदी जारी रहेगी। उनका कहना है कि मीट दुकानदारों ने आज बैठक बुलाई है, जिस पर अगले आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
हालांकि उप्र सरकार के प्रवक्ता और चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार केवल अवैध बूचड़खानों पर ही कार्रवाई कर रही है। जिनके पास लाइसेंस है उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। वैध बूचड़खानों को भी तय मानकों का पालन करना होगा।
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा का कहना है कि सपा कभी भी अवैध बूचडख़ानों की पक्षधर नहीं रही है, मगर बूचडख़ानों की आड़ में छोटी-छोटी गोश्त की दुकानें बंद कराना आपत्तिजनक है। ऐसी कार्रवाई के जरिये राज्य सरकार न सिर्फ गरीबों की रोजी-रोटी छीनने का प्रयास कर रही बल्कि उनके अंदर खौफ भी पैदा करने का प्रयास कर रही है।