एक्सक्लुसिव स्टोरी —-
सरकार की उपेछा से हताश हुए अर्जुन अवार्ड प्राप्त कर चुका खिलाड़ी ,हक़ की लड़ाई के लिए कोर्ट जाने को है मजबूर
देखिए एक खिलाड़ी का दर्द…
ग्रेटर नोएडा । जब भारत का झंडा किसी दूसरे मुल्क में लहरता है तो देश के हर देशवासी को बड़ी खुशी होती है उससे बड़े फक्र की बात तब होती है जब हमारा तिरंगा ओलंपिक में लहरता है जहां सभी देश शामिल होते है और वहां पर देश के खिलाड़ी अपनी जी जान लगाकर देश के लिए मैडल जीतते है और हमारे देश की आन बान शान बढ़ाते है। मैडल जीतते ही पूरा देश जश्न मनाता है ।तिरेंगे कि शान बढ़ाने वाले उस खिलाड़ी का गुणगान करता है ।लाखो तरीके को घोषणा की जाती है।सरकार भी खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए कई घोषणा करती है ।लेकिन जब समय बीतता है तो खिलाड़ी को भुला दिया जाता है।।उंसके लिए किए गए इनाम की राशि तक उसको नही दी जाती है अपने हक़ के लिए वो बार बार लखनऊ के चक्कर लगाता है लेकिन उसे कोई सटीक जबाब नही मिलता है आपको ऐसे ही एक खिलाड़ी का दुख बताते है जो सरकार की उपेछा का शिकार हो रहा है …..रियो पेरिओलम्पिक 2016 में वरुण सिंह भाटी ने हाई जम्प में ब्रॉन्ज मैडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था ।जब रियो में हमारा तिरंगा फहरा था तो हर देशवासियों का सीना गर्व से गया गया था।। सभी को वरुण पर नाज हुआ था ।उस दौरान केंद्र व राज्य सरकार ने कई तरीके की घोषणा की थी ।लेकिन राज्य सरकार आज तक उन घोषणाओं को पूरा नही कर सकी है ..अर्जुन अवार्ड प्राप्त कर चुके है वरुण भाटी ……..आइए आपको वरुण भाटी के साथ हुए सौतेले व्यवहार की दास्तान बताते ही कि आखिर कैसे एक दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उत्तर प्रदेश में उपेछा का शिकार हो रहा है ….ये केवल एक खबर नही है बल्कि एक अभियान है देश के खिलाड़ी को उसका हक दिलाने का
वक़्त था रियो पेरिओलम्पिक 2016 का और भारत को आस थी अपने खिलाड़ियों पर की वो रियो में तिरंगा ज़रूर लहराएंगे ।उत्तर प्रदेश के नोएड़ा के रहने वाले वरुण भाटी ने देश के करोड़ो लोगो के सपने को पूरा कर दिया और रियो पेरिओलम्पिक में हाई जम्प में ब्रॉन्ज मैडल जीतकर पूरी दुनिया मे तिरंगा लहराया दिया ।देश मे खुशी की लहर दौड़ गयी ।सभी को वरुण की इस कामयाबी पर फक्र था सरकार को भी फक्र था।केंद्र सरकार ने पदम् जितने पर पुरुस्कार राशि की घोषणा की तो वही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी वरुण के लिए एक करोड़ रुपये व सरकारी नोकारी की घोषणा की लेकिन 2017 में चुनाव हुए और सत्ता परिवर्तन हो गया भाजपा की सरकार सूबे में आ गयी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन गए ।लेकिन वरुण के लिए की घोषणा पूरी न हो सकी वही वरुण के पिता कई बार लखनऊ जा चुके है लेकिन हर बार उन्हें पॉलिसी बनने की बात कहकर टरका दिया जाता है ।बड़ी बात तो ये है उनकी अर्जुन अवार्ड की अभी तक पेंशन नही मिली है ।
इस नजारे को देखकर आपकी आंखें चोक्कनी नहीं रह गई होंगी । जिस तरीके से इतने सारे अवार्ड जीते गए हैं यह किसी और ने नहीं या किसी दो चार लोगों के नहीं सिर्फ अकेले वरुण भाटी के हैं । सरकार सोई हुई है विदेश में जब देश का झंडा लहराया तो बड़े-बड़े वादे किए गए लेकिन वह वादे सिर्फ वादे रह गए और अब तक वरुण भाटी की कोई भी सुनने को तैयार नहीं अपने हक के लिए पिछले 4 साल से लड़ रहे । वरुण भाटी को सिर्फ सरकार यह कह कर टाल देती है कि करेंगे करेंगे और करेंगे लेकिन इनके पिता द्वारा कई चक्कर लखनऊ के लगा दिए गए , लेकिन अब तक भी उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई भी सुनवाई नही हुई । अपने आप में यह बहुत बड़ी बात है जो देश के लिए स्पोर्ट्स में पूरी दुनिया में हमारे देश का नाम करके आई वरुण भाटी को अब सरकार भूल चुकी है।
देखें जरा इन तस्वीरों को जोकि वरुण भाटी की मेहनत को खुद ही बयां कर रही हैं, यह नरेंद्र मोदी के साथ कोई और नहीं बल्कि वरुण भाटी है जो कि अरुण अवार्डी है लेकिन उस दौरान जिले के डीएम ने भी इन से वादा किया था कि जिले का नाम रोशन करने पर आपको पुरुस्कार जरूर मिलेगा और चेक के लिए तारीख भी रखी गई लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कोई भी पुरुष्कार राशि नही मिली है। सरकार द्वारा कोई भी सुनवाई नहीं की जा रही है ,,जिस प्रकार से वरुण भाटी ने भारत का नाम ऊंचा किया वहीं सरकार ने झूठे वादे कर कर वरुण भाटी का मनोबल बिल्कुल तोड़ दिया अब वरुण भाटी अपनी बात को रख तो रहे हैं लेकिन उनके सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दिव्यांगों की बात को उठाते है लेकिन दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप अर्जुन अवार्ड प्राप्त कर चुके है वरुण भाटी ही लगा रहे है ।उनका कहना है उत्तर प्रदेश सरकार खिलाड़ियों में भेदभाव कर रही है।पैरा एथलीट के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है ।इसी को लेकर वरुण भाटी काफी दुखी है । वरुण ने इतनी मेहनत से इतने पुरस्कार इतने मेडल अपनी मेहनत से जीते ऐसे अवार्ड जिनको सुनकर भी आश्चर्य होता है लेकिन सरकार ने अभी तक वरुण की कोई सुध तक नहीं ली और वरुण के परिजनों से लगातार चक्कर कटवा रही है, फिलहाल वरुण का मनोबल बिल्कुल टूट चुका है और वरुण का कहना है कितनी मेहनत के बाद भी सरकार ने हमारे विषय में कुछ नहीं सोचा । खेल मंत्रालय भी चुप्पी साधे हुए हैं तो ऐसे में खिलाड़ियों का हौसला टूट रहा है और उस हौसले को सरकार ही तोड़ रही है । पूरी तरह हारकर वरुण ने अब कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है ।