रिंकू लोधी की रिपोर्ट
औरंगाबाद। औरंगाबाद नगर पंचायत कार्यालय के एक कर्मचारी द्वारा सरकारी दस्तावेज गायब करने की परतें अब खुलने लगी है।कार्यालय का पूरा रिकॉर्ड देखने के बाद सिर्फ दो चेहते ठेकेदारों की भारी मात्रा में 35 फाइलें गायब मिली है।आशंका है कि दोनों फर्मो की जीएसटी बचाने के लिये फाइलों को साजिश के तहत गायब किया गया है।ईओ ने अब आरोपी कर्मचारी के मकान पर नोटिस चस्पा किया है।जिसमे दोनो फर्मो के नाम उल्लेख है।
बता दे कि शासन से नामित सभासद और नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन राजकुमार लोधी ने 15 बिंदुओं पर आरटीआई के तहत नगर पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी से जबाब मांगा था।जबाब न देने पर डीएम से शिकायत हुई।ईओ मुख्तयार सिंह ने तत्काल कर्मचारी नेमपाल सिंह पर सरकारी दस्तावेजों को गायब करने के आरोप में थाने में एफआईआर दर्ज कराई।गबन के मामले में कर्मचारी नेमपाल को जेल जाना पड़ा।एसडीएम ने मामले की जांच कराई तो नपा कार्यालय की सीसीटीवी कैमरे की डीबीआर गायब मिली। इससे साफ हो गया कि कर्मचारी की मिलीभगत से ही ये सब हुआ है।तभी से ही कार्यालय में मौजूद कागजातों की जांच चल रही थी।ईओ मुख्तयार सिंह ने शनिवार को आरोपी कर्मचारी नेमपाल सिंह के मकान पर नोटिस चस्पा करते हुए बताया कि नपा की रशीद बुक,कैश बुक ओर चेक रजिस्टर उक्त कर्मचारी की देखरेख में दे रखे थे ।जांच कर्ता खानपुर नगर पंचायत के बाबू योगपाल को 15 रसीद बुक,35 निर्माण से संबंधित दो ठेकेदारों की पत्रावली,भुगतान संबधी बिल बाउचर समेत भारी मात्रा में दस्तावेज गायब मिले है।ईओ ने आरोपी कर्मचारी से सात दिन के भीतर लिखित में जबाब देने के साथ साथ गायब दस्तावेज मांगे है।