नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (National Institute of Science Education and Research) भुवनेश्वर को ड्रोन उपयोग की अनुमति दी है। ड्रोन का उपयोग कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सहयोग से केंद्रीय रूप से संरक्षित स्मारकों के हवाई सर्वेक्षण और फोटोग्रामेट्री की अनुमति मिली है।
एक अधिकारी ने मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया, ‘नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (NISER), भुवनेश्वर को मानव रहित विमान प्रणाली (UAS) नियम, 2021 से सशर्त छूट दी है।’
एनआइएसइआर के लिए ड्रोन संचालन के लिए स्वीकृत स्थानों में भुवनेश्वर का राजा-रानी मंदिर और लिंगराज मंदिर शामिल हैं। यह छूट अनुमोदन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक वैध रहेगा और डीजीसीए द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं के नियमों और शर्तों के अधीन होगा।
इस महीने की शुरुआत में अमृत शहरों के विकास और हिसार, पंचकुला, अंबाला के लिए संपत्ति कर सर्वेक्षण के लिए डेटा अधिग्रहण, मैपिंग और वेब-आधारित जीआईएस प्लेटफॉर्म के कार्यान्वयन के लिए शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय (डीयूएलबी), हरियाणा को ड्रोन उपयोग की अनुमति भी दी गई थी।
बता दें कि 16 जुलाई को, जम्मू-कश्मीर के जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में सैन्य प्रतिष्ठानों पर मंडराते हुए कम से कम चार ड्रोन देखे गए थे। 27 जून को जम्मू वायु सेना स्टेशन पर पाकिस्तान स्थित संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) से हमला करने का पहला मामला सामने आया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच कर रही है। जम्मू हमले के बाद, ड्रोन देखे जाने की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
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