मुरादाबाद। कोविड-19 का खौफ लोगों के मन मस्तिष्क में इस कदर समा गया है कि वह अपनों का शव पहचानने तक में चूक कर रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को मुरादाबाद में हुआ। एक निजी अस्पताल में हिंदू व मुस्लिम समुदाय के दो लोगों के शव मानवीय चूक के कारण बदल गए। शव की हेराफेरी का पता लगते ही प्रशासनिक गलियारे में खलबली मच गई। उच्चाधिकारियों की तत्परता से विवाद का पटाक्षेप हुआ। उधर घटना को लेकर हरिद्वार रोड स्थित निजी अस्पताल के सामने देर रात तक अफरातफरी का माहौल रहा।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र स्थित आशियाना चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार के मुताबिक बरेली व रामपुर के रहने वाले दो लोग कोविड से पीड़ित थे। उपचार के दौरान सोमवार देर रात दोनों की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने नासिर निवासी रामपुर चौराहा रामपुर व रामप्रसाद निवासी डेलापीर संजय नगर बरेली की मौत की सूचना उनके स्वजनों को दी। दोनों शव प्लास्टिक में सील पैक कर दिए गए। मंगलवार को दोपहर नासिर के सगे दो भाई निजी अस्पताल पहुंचे। भाई की मौत से दुखी दोनों भाइयों ने आसपास रखी दोनों शव में से एक बाॅडी उठा ली। रिश्तेदारों की मदद से दोनों ने चक्कर की मिलक स्थित कब्रिस्तान में भाई का शव दफन कर दिया। उधर बरेली के रहने वाले रामप्रताप के स्वजन भी शव लेने निजी अस्पताल पहुंचे।
शव से पॉलीथिन हटाते ही उड़ गए होश
अस्पताल से शव लेकर रामगंगा विहार स्थित श्मशान घाट पहुंचे रामप्रसाद के पुत्र को आभास हुआ कि शव उसके पिता का नहीं है। पुष्टि के लिए उसने शव के उपर से पालीथिन हटाया। शव देख युवक के होश उड़ गए। शव किसी और का मिला। तब रामप्रसाद के स्वजन ने सिविल लाइंस थाना प्रभारी सहसवीर सिंह से संपर्क किया। शव की हेराफेरी का आरोप अस्पताल प्रशासन पर मढ़ा। कुछ ही देर में पुलिस निजी अस्पताल पहुंच गई। अस्पताल में दर्ज मोबाइल नंबर के आधार पर नासिर के स्वजनों की तलाश शुरू हुई। तब पता चला कि नासिर का शव चक्कर की मिलक में दफन कर दिया गया है। उसके दोनों भाइयों से पुलिस ने बात की। घटना की जानकारी सदर एसडीएम प्रशांत तिवारी व एएसपी अनिल यादव को दी गई।
कब्र में दफन थे रामप्रसाद
प्रशासनिक अफसर चक्कर की मिलक पहुंचे। वहां कब्र में दफन रामप्रसाद का शव बाहर निकाला गया। इधर रामप्रसाद के स्वजन ने नासिर का शव उसके भाइयों के सुपुर्द किया। इसके बाद दोनों शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव की अदला-बदली को लेकर देर तक सिविल लाइंस क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल रहा।
अस्पताल में दो लोगों की मौत कोविड से हुई थी। शव ले जाने में बाडी की हेराफेरी हो गई। दोनों अलग समुदाय के थे। दोनों के परिजनों की सूझबूझ से मामले का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से हो गया।