कानपुर: कोविड मरीजों का इलाज कर रहे निजी नर्सिंग होम्स की मनमानी के खिलाफ कानपुर जिलाधिकारी लगातार लगाम लगाने में लगे हुए है,,,जिलाधिकारी अलोक तिवारी रोजाना निजी नर्सिंग होमो का औचक निरिक्षण कर जरुरी गाइड लाइन जारी कर रहे है,,,और सुधार ना करने पर उनपर कार्यवाही भी की जा रही है,,,इसी कड़ी में उन्होंने कोविड मरीजों का इलाज कर रहे दो निजी नर्सिंग होम से यह सुविधा वापस ले ली गयी है,,,
आपको बता दे कि जब कानपुर में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ तो सरकारी अस्पतालों में मरीजों का तांता लगने लगा,,,जिसके बाद सरकारी अस्पतालों के कोरोना वार्ड फुल हो गए,,,इसको देखते हुए निजी नर्सिंग होम्स को कोरोना का इलाज करने की अनुमति दी गयी,,,लेकिन नर्सिंग होम कोरोना मरीजों से ज्यादा पैसा वसूलने लगे,,,और उनको बहुत अच्छी सुविधा नहीं दी गयी,,,जिससे कई मरीज मौत के मुँह में चले गए,,,कानपुर जिलाधिकारी अलोक तिवारी ने ऐसे नर्सिंग होम पर कड़ाई करने के लिए लगातार औचक निरिक्षण करने लगे,,,जंहा पर कुछ खामिया मिली उनको सही करने के दिशा-निर्देश भी जारी किये,,,इसी कड़ी में विकास नगर में बने ग्रेस अस्पताल और लाइफट्रांन के औचक निरिक्षण में बहुत खामिया मिली,,,जिसके बाद उन्होंने दोनों की कोविड सुविधा को समाप्त कर दिया,,,कुछ दिनों पहले लाजपत नगर में बने गुरु तेग बहादुर नर्सिंग होम का जिलाधिकारी ने निरिक्षण किया था,,,जंहा पर उनको कुछ खामिया मिली थी जिसको दुरुस्त करने के निर्देश जारी किये गए थे,,,शनिवार को जिलाधिकारी दुबारा उसी नर्सिंग होम का निरिक्षण करने पहुंचे जंहा पर वो थोड़ा संतुस्ट दिखाई पड़े,,,मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि यंहा पर पिछले दिनों की तुलना में काफी अच्छा किया गया है,,,उन्होंने बताया की ग्रेस और लाइफट्रान में खामिया मिलने के बाद भी व्यवस्था सही ना करने पर उनकी कोविड सुविधा समाप्त कर दी गयी है,,,