नोएडा | गंगा जल की आपूर्ति बंद होने से शहर के आवासीय सेक्टरों में पानी संकट गहरा गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे टैंकर और बोतल बंद पानी से अपना काम चला रहे हैं। इससे लोगों में रोष है। हालांकि, प्राधिकरण का कहना कि पानी की किल्लत होने पर टैंकर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
शहर में रोजाना 240 मिलियन लीटर (एमएलडी) गंगाजल और 160 एमएलडी सामान्य पानी की आपूर्ति की जाती है। गंग नहर से आपूर्ति बंद होने के कारण अब सिर्फ 160 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है। शहर में 310 ट्यूबवेल और पांच रेनीवेल के जरिए भूजल की आपूर्ति की जाती है। अधिकारियों का दावा है कि इनके जरिए अधिक मात्रा में पानी की सप्लाई कर दी जाएगी। इसके अलावा 40 नए नलकूप तैयार किए जा रहे हैं।
सेक्टर-51 केंद्रीय विहार आरडब्ल्यूए के महासचिव शरद जैन ने बताया कि उनकी सोसाइटी में बीते दो दिन से पानी की किल्लत है। सोसाइटी में 1200 फ्लैट हैं। यहां के 70 प्रतिशत से अधिक निवासियों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। सुबह और शाम तीन-तीन घंटे के स्थान पर दोनों वक्त एक से डेढ़ घटे पानी की आपूर्ति हो रही है। पानी का प्रेशर भी काफी कम है। इससे ऊपरी मंजिलों तक पानी नहीं पहुंच रहा है।
सेक्टर-20 आरडब्ल्यूए के पूर्व अध्यक्ष प्यारे लाल यादव ने बताया कि पानी की किल्लत की वजह से टैंकर मंगाकर आपूर्ति की जा रही है। जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पाता है। सेक्टर-34 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष और फोनरवा के महासचिव के.के जैन ने बताया कि पानी की मांग बढ़ते ही मशीन और बूस्टर खराब हो गए थे। अभी पानी का प्रेशर कम आ रहा है और आपूर्ति भी कम समय के लिए हो रही है। पानी सबसे ज्यादा दिक्कत सेक्टर-20, 51, 34, 71, 22 और सेक्टर-104 में है। इससे दस हजार से अधिक लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
दिक्कत होने पर यहां करें फोन
प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि पानी की दिक्कत होने पर लोग प्राधिकरण के कॉल सेंटर पर फोन कर सकते हैं। शिकायत मिलने पर जल्द टैंकर भेज दिया जाएगा। लोग 0120-2425025, 26 व 27 नंबर पर जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा कहीं पर भी पानी की लाइन टूटने या लीकेज होने पर भी इसकी जानकारी संबंधित नंबर पर दे सकते हैं।
हर साल आती है समस्या
डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि पानी की किल्लत को लेकर हर बार प्राधिकरण अधिकारियों द्वारा आश्वासन मिलते हैं कि सुधार किया जा रहा है। अगले वर्ष गंगा जल की आपूर्ति बंद होने के दौरान पानी की किल्लत नहीं होगी परंतु अगले वर्ष फिर वही समस्या आ जाती है। इसका स्थायी हल निकाला जाना चाहिए।