छिटपुट बारिश से कम हुआ वायु प्रदूषण शनिवार को दोबारा बढ़ गया। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई शनिवार को बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। नोएडा का सेक्टर-62 सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। यहां की हवा गंभीर श्रेणी में रही। नोएडा का एक्यूआई 355 दर्ज किया गया। वहीं ग्रेटर नोएडा का 335 रहा।
हवा की रफ्तार भी सामान्य रही। जिससे आसमान में फैली धूल की चादर स्थिर रही। आने वाले दिनों में भी वायु प्रदूषण की यही स्थिति रहने वाली है। एक दिन पहले शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 262 दर्ज किया गया था। जबकि नोएडा का एक्यूआई 312 रहा था। गुरुवार को दोपहर और रात को हुई छिटपुट बारिश के कारण दूसरे दिन वायु प्रदूषण थोड़ा कम हुआ था।
आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण और धुंध बढ़ने के बाद स्मॉग बन सकता है। जिससे सांस रोगियों सहित अन्य लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। नवंबर के दूसरे सप्ताह में नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई काफी बढ़ गया था। इस दौरान सांस रोगियों की संख्या 40 प्रतिशत तक बढ़ गया था। नोएडा दो दिन देश का सर्वाधिक वायु प्रदूषित था। सबसे ज्यादा एक्यूआई 488 दर्ज किया गया था।
सेक्टर-62 में प्रदूषण सबसे ज्यादा
सेक्टर-62 में तीन सप्ताह से सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण बना हुआ है। यहां का एक्यूआई शनिवार को 433 दर्ज किया गया। जो जिले के छह स्थानों में सबसे ज्यादा है। प्रदूषण बोर्ड के अनुसार सेक्टर के चारों ओर की सड़कों पर वाहनों का दबाव ज्यादा होने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ा हुआ है। अन्य कारण भी हो सकते हैं। जिसके बारे में जानकारी ली जा रही है। ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण नोएडा से कम है। नॉलेज पार्क थ्री और फाइव का एक्यूआई 350 से कम दर्ज किया गया।
पांच दिनों का एक्यूआई
दिसंबर : नोएडा, ग्रेटर नोएडा,
4, : 355, 335
3, : 312, 262
2, : 407, 536
1, : 360, 358
30 नवंबर : 291, 254
डॉक्टरों ने एहतियात बरतने की सलाह दी
आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण भी बढ़ेगा। लिहाजा डॉक्टर दमा मरीजों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे दहे हैं। ऐसे समय में दमा और सांस रोग से पीड़ित अन्य मरीजों को घर से कम से कम समय तक बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं। वायु प्रदूषण ज्यादा होने की स्थिति में सुबह और शाम को बाहर टहलने से परहेज करने की भी सलाह दी है। घर में ही हल्के व्यायाम करने की बात मरीजों को कही जा रही है। वरिष्ठ सांस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एनके शर्मा ने बताया कि वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में सांस रोगी, बच्चे और बुजुर्ग को कम से कम समय ही बाहर रहना चाहिए। मास्क का उपयोग करना बेहतर होगा।