नोएडा। कृषि कानूनों व अन्य मुद्दों पर करीब एक साल से देश में अलग-अलग जगह धरने पर बैठे किसानों की मांग को आखिरकार शुक्रवार को केंद्र सरकार ने मान लिया, लेकिन नोएडा में 79 दिन से धरने पर बैठे किसानों की मांगें अभी तक अधूरी हैं। अधिकारी-जनप्रतिनिधि सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। नोएडा में धरना दे रहे किसानों ने कहा कि जब प्रधानमंत्री कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर सकते हैं तो यहां नोएडा प्राधिकरण मांगें क्यों नहीं मान सकता।
भारतीय किसान परिषद के बैनर तले किसान नोएडा में धरना दे रहे हैं। करीब 75 दिन तक किसानों ने हरौला गांव के बाराताघर में धरना दिया और सोमवार से लगातार दिन-रात प्राधिकरण कार्यालय के सामने बैठे हुए हैं। शुक्रवार को भी किसानों ने हवन कर साफ तौर पर कहा कि जब तक मागें नहीं मानी जाएंगी, यहां से नहीं हटेंगे। बुधवार को किसानों की मेरठ मंडल के आयुक्त के साथ भी एक घंटे से अधिक समय तक बैठक चली थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर पहलवान ने कहा कि आज किसानों की खुशी का सबसे बड़ा दिन है। कृषि कानूनों को लेकर आखिरकार केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ा। सत्य की जीत हुई। उन्होंने कहा कि जब किसानों की जायज मांगों के आगे केंद्र सरकार झुक सकती है तो यहां पर नोएडा प्राधिकरण क्यों नहीं। अब हम और मजबूती से मांगों को लेकर लड़ाई लडेंगे। सुखबीर खलीफा ने कहा कि नोएडा में किसान जो मांगें कर रहे हैं वह पूरी तरह से जायज हैं, इनको पूरा किया जाना जरूरी है। प्राधिकरण वर्षों से यहां के किसानों का उत्पीड़न कर रहा है। अब यह सहन नहीं किया जाएगा। प्राधिकरण किसानों की वर्षों पुरानी आबादी को सरकारी जमीन बताकर तोड़फोड़ कर रहा है। किसानों की जमीन पर प्राधिकरण ने अपना नाम दर्ज करा दिया है। रोजगार के कोई साधन उपलब्ध नहीं कराए।