जगराओं। लुधियाना जिले के गांव लखा में एक बेटे ने अपनी मां के हाथ पैर बांधे और फिर मुंह व गला दबाकर उसे मार डाला। घटना शुक्रवार देर सायं की है। घटना के बाद आरोपित मौके से फरार हो गया। हालांकि पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली।
आरोपित की बहन सुखप्रीत कौर ने बताया कि गांव हमीदी जिला बरनाला में उसकी बड़ी बहन राज कौर रहती है। कुछ दिन पहले राज कौर के दोहते की मौत हो गई थी। इसी का अफसोस जताने के लिए मां परमजीत कौर बरनाला में भाई कर्म सिंह उर्फ निक्का के साथ आई थी। इसके बाद वह उसकेे ससुराल गांव भमीपुर आए थे। 12 मार्च को सुबह 3 बजे के करीब भाई कर्म सिंह उर्फ निक्का बाथरूम करने के बहाने उठा और मांं को कहने लगा कि अभी अपने घर चलो, लेकिन परमजीत कौर इसके लिए राजी नहीं थी। मां ने कहा कि सुबह चलेंगे, लेकिन कर्म सिंह नहीं रुका और उसी समय घर के चला गया। सुखप्रीत कौर के मुताबिक कर्म सिंह की तलाश में मां परमजीत कौर और वह खुद व पति गुरदीप सिंह के साथ गांव लखे आ गए। कर्म सिंह उन्हें अचरवाल रोड के पास खेतों में मिला। वह कर्म सिंह को घर ले आए।
वहां, कर्म सिंह मां परमजीत कौर पर गुस्सा करने लगा कहा कि सुखप्रीत कौर को घर भेजो वह यहां क्यों आई है। अगर ऐसा नहीं किया तो वह उसे मार देगा। अपने भाई का गुस्सा देखकर सुखप्रीत कौर अपने गांव वापस भमीपुरा गई और माता वहीं पर रह गई। उसके बाद लगातार वह मां के साथ फोन पर संपर्क में थी, लेकिन शाम के 3 बजे के बाद न मांं ने फोन उठाया और न भाई कर्म सिंह ने।
सुखप्रीत कौर के मुताबिक इसके बाद वह फिर गांव लखा पहुंचे। वहां पर देखा तो घर में लोगों की भारी भीड़ थी। अंदर जाकर देखा तो मां परमजीत कौर के हाथ पांव बंधे हुए थे और शव बेडरूम में फर्श पर पड़ा हुआ था । शिकायतकर्ता ने कहा कि मांं की हत्या कर्म सिंह ने ही की है। सुखप्रीत कौर के बयान पर कर्म सिंह निवासी गांव लखा के खिलाफ कत्ल का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
पूछताछ में मानी कत्ल की बात
इस संबंध में थाना हठूर की प्रभारी सब इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आरोपित को गिरफ्तार करके पूछताछ की गई है। जिसमें उसने माना है कि उसने ही अपनी मां का कत्ल किया है। उसके हाथ पांव बांध कर उसने सिरहाने से उसका नाक और मुंह दबाकर सांसेंं बंद कर दी। थाना प्रभारी ने कहा कि कर्म सिंह को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड लिया जाएगा। परमजीत कौर व उसके पति जगरूप सिंह हरियाणा के जींद में खेती-बाड़ी करते थे।