नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर। पबजी बैन होने से कहीं खुशी है तो कहीं गम महसूस किया जा रहा है। पबजी के दिवाने युवाओं में जहां मायूसी छाई हुई हैं। वहीं, देशहित में पबजी बैन करने की सराहना भी कर रहे हैं। दूसरी और पबजी बैन होने से सबसे ज्यादा राहत अभिभावकों को मिली है जो प्रतिबंध को लेकर खुशी जताते हुए सोशल मीडिया पर पबजी को श्रद्धांजलि देने की पोस्ट वायरल कर रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा गत दो दिन पूर्व पबजी गेम पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। पबजी गेम पर प्रतिबंध लगने पर नगर के आवास विकास कालोनी निवासी सूर्या शर्मा ने बताया कि छोटा भाई अक्सर दिन हो या रात पबजी गेम में लगा रहता था। जिससे उसकी पढ़ाई भी बाधित हो रही थी। इसके अलावा उसके स्वास्थ्य पर भी विपरित प्रभाव पड़ रहा था। नगर के धमैड अड्डा निवासी युवती अनीता सिसौदिया ने बताया कि यह गेम एक नशा जैसा था। खासकर युवा वर्ग के लोग इससे जुड़े हुए थे और अक्सर रात-रात भर गेम खेलते रहते थे। जिसकी वजह से बच्चे और युवाओं में चिड़चिड़ापन, एकांगता जैसी समस्याएं जन्म लेने लगी थी। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र संचालक ऋतिक शर्मा ने बताया कि देशहित में एप को हटाना केंद्र सरकार का सराहनीय कार्य हैं। बच्चे दिनभर मोबाइल में लगे रहते थे। इससे उनकी आंखों की रोशनी भी कम हो रही थी। साथ ही पबजी गेम के कारण जनपद समेत देशभर के किशोर और युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा था।