चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज देर सायं कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं। मुख्यमंत्री फेसबुक पर लाइव होकर इसकी घोषणा कर सकते हैं, क्योंकि पंजाब में पिछले 13 दिनों से रोजाना 8000 से ज्यादा केस आ रहे है। शुक्रवार सुबह ईद की मुबारकबाद देते समय भी मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के बढ़ते केसों और बड़ी संख्या में हो रही मौतों पर चिंता जताई थी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू कई बार मुख्यमंत्री से 10 दिनों का लॉकडाउन करने की मांग कर चुके है, लेकिन अर्थव्यवस्था और अफरा-तफरी न फैल जाए। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने अभी तक पूर्ण लाकडाउन का फैसला नहीं लिया।
क्या थी मजबूरी
पूर्ण लाक डाउन के पीछे पंजाब सरकार की कुछ मजबूरियां भी हैं। पंजाब में अप्रैल मध्य से कोरोना के केस बढ़ने शुरू हो गए थे, लेकिन यही वह समय था जब राज्य में गेहूं की कटाई जोरों पर थी। किसान तेजी से गेहूं लेकर मंडियों में आ रहे थे। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री पूर्ण लाकडाउन का फैसला ले लेते तो गेहूं खरीद पर विपरीत असर पड़ता।
इसके कारण न सिर्फ किसानों को परेशानी होती, बल्कि कांग्रेस सरकार की भी परेशानी बढ़ जाती। इसीलिए सरकार कभी भी पूर्ण लाक डाउन करने का फैसला नहीं ले सकी। गेहूं खरीद का काम 13 अप्रैल को पूर्ण हो चुका है। माना जा रहा था कि गेहूं खरीद का काम बंद होेने के बाद ही मुख्यमंत्री कुछ कड़े कदम उठा सकते हैं, लेकिन 14 मई को ईद के कारण मुख्यमंत्री ने कोई कदम नहीं उठाया। अब मुख्यमंत्री शुक्रवार शाम को बड़ी घोषणा कर सकते हैं।
अभी क्या है स्थिति
अभी पंजाब में मिनी लाक डाउन चल रहा था। इस सोमवार से शुक्रवार तक मिनी लाक डाउन है। जबकि शनिवार और रविवार को पंजाब में पूर्ण लाक डाउन है। वहीं, मिनी लाक डाउन के दौरान शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लग जाता है।
पूर्ण लाक डाउन करना संभव नहीं
राज्य में पूर्ण लाकडाउन करना संभव नहीं है। 23 मार्च 2020 को जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कर्फ्यू लगाने की घोषणा की तो राज्य में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में श्रमिक वापस अपने घर को चल दिए। जिसकी वजह से इंडस्ट्रियल पहिया थम गया। इंडस्ट्री के पहिये चलाने के लिए इंडस्ट्री की खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।