लखनऊ में बसपा के पूर्व सांसद दाऊद अहमद की लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बन रही बहुमंजिला इमारत पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने रविवार सुबह कार्रवाई करते हुए जमींदोज कर दिया है। इस दौरान बड़ा हादसा हुआ है। पूरी इमारत अचानक गिर गई। जिसमें बुलडोजर और ड्राइवर दब गए। करीब आधा घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद ड्राइवर को निकाला गया है। उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है।
लखनऊ की वजीरहसन रोड पर स्थित रिवर बैंक कॉलोनी में यह अवैध निर्माण चल रहा था। बिल्डिंग पुरातत्व विभाग के रिमोट एरिया में आ रही थी। जिसको पुरातत्व विभाग के ऑब्जेक्शन, हाईकोर्ट और एलडीए के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद गिराया जा रहा था। बता दें कि पूर्व सांसद ने चार मंजिला की जगह पांच मंजिला अपार्टमेंट बना लिया था। मामला बढ़ने पर स्वयं पांचवीं मंजिल गिराई। सवाल उठा कि रेजीडेंसी से यह अपार्टमेंट 200 मीटर से कम दूरी पर है। पुरातत्व विभाग ने लविप्रा के मानचित्र सेल और अन्य अफसरों से कई बार पत्राचार किया, लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए अपार्टमेंट खड़ा कर दिया गया।
नक्शा पास करने वाले अधिकारियों पर हो सकती है कार्यवाही
अब पुरातत्व विभाग का जवाब आने पर लविप्रा की किरकिरी हो गई है। वहीं नक्शा पास करने वाले सभी अभियंताओं पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है। लविप्रा के सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि पत्र पुरातत्व विभाग से प्राप्त हो गया है। अब मानचित्र सेल से भी जवाब मांगा जाएगा और उस समय तैनात रहे अभियंताओं की सूची भी तलब की गई है।
दूसरी ओर दाउद अहमद की यह बहुमंजिला इमारत गिराने के दौरान लापरवाही के चलते बुलडोजर समेत ड्राइवर मलबे में दब गया। करीब आधे घंटे के रेस्क्यू के बाद किसी तरह से घायल ड्राइवर को मलबे से बाहर निकालकर इलाज के लिए ट्रामा सेंटर भेजा गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। राहत की बात यह है कि डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है।