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बाढ़ के डर से किसान परेशान

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रिपोर्ट जीवेश तरुण

बिहार-पूरे देश कोरोना जैसे महामारी बीमारी से लोग तबाह है वहीं दूसरी ओर बेगूसराय में बाढ़ का खतरा लोगों के सिर पर मंडराने लगा है ।मटिहानी प्रखंड के कई क्षेत्रों में गंगा का तेज कटाव हो रहा है। वैसे कुछ इलाकों में बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा कटाव निरोधक काम शुरू भी किया गया है। लेकिन काम जिस रफ्तार से किया जा रहा है उससे न कटाव रुकेगा न ही नदी की धाराओं। इस कटाव से लोग काफी भयभीत है और डरे सहमे। इस गंगा के पानी से कई बीघा फसल भी नष्ट हो गया।जिसके कारण लोग अपने मवेशी को चारा सही ढंग से नहीं दे पा रहे हैं। अन्य गांवों में भी गंगा का पानी फैल रहे हैं।इससे लोग काफी डरे हुए हैं। अगर समय रहते गंभीरता से उपाय नहीं निकाला गया तो हजारों की आबादी जगमग्न हो जाएगी। वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरीके से गंगा के कटाव जारी है अगर जिला प्रशासन के द्वारा समय रहते नहीं देखा जाएगा तो पूरी तरह गांव डूब जाएगा। हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा गंगा नदी के पर बांध को रिंग बनाया गया। लेकिन काफी वर्षा और कटाव होने के कारण बांध भी धड़क गया है। जिससे और लोग काफी डरे समय है।वहीं दूसरी ओर बेगूसराय बलिया अनुमंडल क्षेत्र के दो प्रखंड गंगा मे बढ़ते जलस्तर और रौद्र रूप का कहार अब दिखाने लगा है। पानी उफान पर है। गंगा की तेज लहरें अब खेतों की ओर रुख करने लगी हैं। पानी का रुख खेतों की ओर होने से किसान चिंतित हैं। किसानों की धड़कनें बढ़ रही हैं।

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वहीं गंगा के बढ़ते जलस्तर से साहेपुर कमाल प्रखंड के सलेमाबाद एवं जमीन डिग्री का पूर्णता संपर्क मुख्यालय से टूट गया है। लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तो वही हजारों एकड़ लहलहा ते फसल के अंदर गंगा नदी का पानी प्रवेश कर चुका है। तो दूसरी और बलिया प्रखंड क्षेत्र के लगभग दर्जनों गांव गंगा नदी के तट पर बसे हुए हैं जो इन दिनों गंगा की रूद्र रूप से तबाही के कगार पर हैं । वहीं अगर देखा जाए तो किसानों की फसल भी डूबने लगे हैं । जहां एक तरफ देश में कोरोना के संकट मंडरा रही है। तो वही गंगा के रौद्र रूप को देख लोग डरे सहमे हुए हैं ।
दूसरी और प्रशासन को भी अब गंगा की रौद्र रूप को देखकर चिंता सताने लगी है । दूसरी और नाव की भी व्यवस्था की गई है। और ग्रामीणों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गया हैं। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मिट्टी के कच्चे बांध जहां-जहां क्षतिग्रस्त हुआ है।उसे रिपेयरिंग भी किया जा रहा है। साथ ही इसको लेकर निगरानी टीम का भी गठन किया गया है जो बांध का निरीक्षण करते रहेंगे ।

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