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बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर फिर होगी फॉर्मूला वन रेस, बस 1,000 करोड़ रुपए की दरकार

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ग्रेटर नॉएडा। यमुना प्राधिकरण के बोर्ड ने शर्तों के साथ जेपी समूह की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना का रद्द आवंटन बहाल कर दिया है। बोर्ड ने कहा है कि कंपनी को 2023 तक पूरा बकाया जमा करना होगा। साथ ही रीशेड्यूलमेंट कराने के लिए 10 प्रतिशत पैसा जमा करना होगा। आवंटन बहाल करने के लिए कंपनी ने आवेदन करके 2030 तक पैसा जमा करने की अनुमति मांगी थी। अगर कंपनी शर्तों को मान लेती है तो फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 10 हाउसिंग प्रोजेक्ट समेत कई परियोजनाओं से संकट के बादल छंट जाएंगे।

यमुना प्राधिकरण ने 2009 में जेपी समूह की कंपनी जेपी स्पोर्ट्स सिटी को 1000 हेक्टेयर जमीन का आवंटन किया था। इस परियोजना में देश का पहला फॉर्मूला वन रेसिंग ट्रैक (बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट) बनाया गया। यहां पर कई अंतरराष्ट्रीय रेस हो चुकी हैं। यहां पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। इसी परियोजना में काउंटी होम वन एवं टू, क्रोम, ग्रीन क्रेस्ट होम, स्पोर्ट्स विला, कासिया, बुद्धा सर्किट स्टूडियो आदि हाउसिंग प्रोजेक्ट हैं। अभी ये परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं। जेपी स्पोर्ट्स कंपनी प्राधिकरण का बकाया चुका नहीं पा रही थी। करीब 950 करोड़ रुपये बकाया होने पर प्राधिकरण ने 12 फरवरी 2020 को इसका आवंटन रद्द कर दिया। इसके जेपी समूह हाईकोर्ट पहुंच गया। अदालत के आदेश के बाद कंपनी ने प्राधिकरण में 100 करोड़ रुपये जमा कराए और फिर इस मामले को सुनने के लिए प्राधिकरण तैयार हुआ।

ये शर्तें माननी होंगी

जेपी समूह ने रद्द आवंटन को बहाल करने के लिए यमुना प्राधिकरण में आवेदन किया। आवेदन में बकाया 2030 तक जमा करने की मांग की गई। प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को सोमवार को बोर्ड बैठक में रखा। बोर्ड ने कहा कि जेपी समूह को बकाया 2023 तक जमा करना होगा। साथ ही रीशेड्यूलमेंट कराने के लिए बकाये का 10 प्रतिशत जमा करना होगा। इन शर्तों के साथ बोर्ड ने यह प्रस्ताव पास कर दिया। अब जेपी समूह इन शर्तों को मानता है तो यह आवंटन बहाल हो जाएगा।

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100 करोड़ जमा करना होगा

प्राधिकरण का करीब एक हजार करोड़ रुपये बकाया है। बोर्ड के फैसले के मुताबिक, जेपी स्पोट्र्स को 100 करोड़ रुपये जमा करने रीशेड्यूलमेंट कराना होगा। इसके बाद 2023 तक पूरा बकाया जमा करना होगा। अब प्राधिकरण

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