रणकौशल में कमी की वजह से पुलिस मात खा रही है और इसी के चलते बीते दिनों बुलंदशहर जिले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या हुई। ऐसा डीजीपी ओपी सिंह का मानना है। इसके मद्देनजर डीजीपी की ओर से पुलिसकर्मियों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। उनके अनुसार पुलिसकर्मियों को सतर्कता, निश्चितता, आक्रामकता, आत्मसंयम, संकल्प और ठोस सूचना एवं अभिसूचना संकलन के साथ फील्ड में काम करना चाहिए।
डीजीपी के निर्देश के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की चेकिंग करनी हो तो दो पुलिसकर्मी जरूर मौजूद रहें। संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी सामने से नहीं, बल्कि पीछे से और सबसे पहले कमर की तलाशी लें। तलाशी के बाद ही उसकी पहचान संबंधी कागजात देखें। वाहन चेकिंग के दौरान चालक को नीचे उतार कर चाबी ले लेें।वाहन सवार प्रत्येक व्यक्ति को नीचे उतार कर उसकी चेकिंग की जाए और सभी को अलग-अलग खड़ा किया जाए। कहीं दबिश के लिए जाना हो तो वाहन में किसी पुलिसकर्मी को अकेला कतई न छोड़ा जाए और ऑपरेशन कमांडर के संपर्क में हर हाल में रहें। इस संबंध में एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि डीजीपी के निर्देशों से सभी एडिशनल एसपी, डीएसपी और थानाध्यक्षों को अवगत करा दिया गया है।
डीजीपी के अनुसार, थानाध्यक्षों के वाहनों में बेंत और शस्त्र के साथ ही बॉडी प्रोटेक्टर, बुलेट प्रूफ जैकेट व हेलमेट हर हाल में मौजूद रहे। एसएसपी स्वयं और अपने अधीनस्थ अन्य राजपत्रित अधिकारियों से इसकी तस्दीक औचक निरीक्षण करा कर कराएं।