बुलंदशहर के स्याना के चिंगरावठी में गोकशी की वारदात के बाद हुई हिंसा मामले में सन्यासी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने, हिंसा मामले में की गई पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल खड़े करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है। सन्यासी का दावा है कि पुलिस ने हिंसा के बाद, हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए जीतू फौजी के परिवार पर अत्याचार किए हैं, जबकि पुलिस ने शहीद इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या में, हिंसा में मरने वाले सुमित को भी आरोपी बनाया है। इतना ही नहीं अनशन पर बैठे यति नरसिंहानंद ने जहां तमाम पार्टियों को हिन्दू विरोधी बताया तो वहीं मोदी-योगी सरकार को तो हिन्दू भक्षी पार्टी की उपाधी दे दी। सन्यासी यहीं नहीं रुके उन्होंने हिंसा के दौरान शहीद हुए स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।
सन्यासी चाहते हैं कि इस पूरे प्रकरण की जांच न्यायिक जांच चाहते हैं।
वहीं अनशन पर बैठे सन्यासी खुद की जान को भी खतरा बता रहे हैं, साथ ही सन्यासी पुलिस पर भी मुकदमें फंसाने की आशंका जता रहे हैं।
सन्यासी ने अपनी मांग पूरी ना होने तक अनशन पर ही रहने की चेतावनी दी है।