नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर में बीती 03 जनवरी को चोरी हुई इंसास राइफल बरामद हुई तो राइफल चोरी की कहानी के पीछे दिलचस्प वाकया सामने आया मजदूरी करने वाले एक पिता ने अपने बेटे की मौत का दोषी मान रहे पड़ोसी की हत्या के लिए पुलिसकर्मियों की सरकारी इंसास राइफल को चोरी किया था, सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने एक महीने बाद आरोपी शख्स और इंसास राइफल व कारतूस बरामद कर लिए हैं।
सीसीटीवी फुटेज बीती 31 जनवरी की बुलंदशहर के डिबाई थाना क्षेत्र के सीएचसी कसेर कला की हैं, दरअसल कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षा ड्यूटी में कॉन्स्टेबल अनुज कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी, मगर वैक्सीन सुरक्षा ड्यूटी में कॉन्स्टेबल अनुज कुमार उपस्थित नहीं हुआ, जिस पर जानकारी की गई तो पता चला अनुज कुमार को सुरक्षा के लिए दी गई इंसास राइफल चोरी हो गई है, मामले में आईपीसी की धारा 46/ 21 धारा 380, 409 में मुकदमा पंजीकृत किया गया, स्वेट टीम ने पूरे एक महीने बाद नवल किशोर उर्फ किशोरीलाल नाम के मजदूरी करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया हैं, पुलिस टीम ने आरोपी किशोरी लाल से इंसास राइफल और उसकी मैगजीन में लगे सभी कारतूस बरामद कर लिए हैं, किशोरी लाल की गिरफ्तारी के बाद, जो बात सामने आई उसमें पता चला कि किशोरी लाल का 17 वर्षीय बेटे की छत से गिरकर मौत हो गई थी जिसका दोषी किशोरी लाल अपने पड़ोसी प्रमोद को मान रहा था क्योंकि कुछ दिन पहले पड़ोसी प्रमोद ने किशोरी लाल के बेटे के साथ मारपीट की थी, पेशे से मजदूरी करने वाला किशोरी लाल अपने बेटे की मौत से इतना क्षुब्ध हो गया कि कोविड-19 वैक्सीन में सुरक्षा ड्यूटी में लगे कॉन्स्टेबल अनुज कुमार की मौका पाकर इंसास राइफल चोरी कर ली और पड़ोसी प्रमोद की हत्या की योजना बनाने लगा, मगर वक्त रहते सीएचसी अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज से साफ हो गया कि इंसास राइफल को किसने चोरी किया है, पुलिस ने बीती रात किशोरीलाल को पानीपत से गिरफ्तार कर लिया है।
एक महीना पहले चोरी हुई इंसास राइफल बुलंदशहर पुलिस के लिए बड़ी सिरदर्द बनी हुई थी आरोपी की गिरफ्तारी और इंसास राइफल की बरामदगी के बाद बुलंदशहर पुलिस के अफसर अपने मातहतों की पीठ थपथपा रहे हैं और गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को नगद इनाम की घोषणा की है।
एसएसपी संतोष कुमार सिंह
हालांकि समय रहते ही इंसास राइफल को बरामद कर लिया गया गनीमत की बात रही कि उसको चुराने वाला पेशेवर अपराधी नहीं था, नहीं तो किसी बड़े हत्याकांड को आसानी से अंजाम दिया जा सकता था, इस घटना से जरूरत है की ड्यूटी के दौरान दिए जाने वाले सरकारी असलाह को लेकर पुलिस कर्मी सजग रहें ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना होने पाए।