गोरखपुर-बस्ती मंडल में बाढ़ का कहर जारी है। राप्ती, रोहिन, सरयू आदि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। महराजगंज में रोहिन नदी का बांध टूटने से तटीय गांवों में दहशत फैल गई है। लोग सुरक्षित आशियाना तलाशते दिखे। सैकड़ों गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। फसलें बर्बाद हो गई हैं। आवागमन बाधित होने से नावें लगानी पड़ी हैं।
गोरखपुर में राप्ती-रोहिन, गोर्रा और सरयू खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कुआनो का पानी भी तेजी से बढ़ रहा है। नदियों में बाढ़ की वजह से 176 गांव प्रभावित हो गए हैं। पौने दो लाख आबादी तबाह हो रही है। 7000 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। 200 से अधिक नावें लगाई गई हैं। महराजगंज जिले के सदर क्षेत्र के बाद लक्ष्मीपुर के मझार क्षेत्र में रोहिन नदी का बांध गौहरपुर के सेमरहवा में टूट गया। पनियरा क्षेत्र में रोहिन नदी के डोमरा जर्दी बांध में रिसाव शुरू हो गया। इससे सीमावर्ती गांवों में हड़कंप मच गया। डीएम डॉ. उज्ज्वल कुमार, एसपी प्रदीप गुप्ता ने स्टीमर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाई। वृद्ध, बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। सोमवार को बाल्मिकिनगर बैराज से गंडक नदी में सायं चार बजे 3 लाख 53 हजार 800 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। धानी क्षेत्र के रिगौली बांध पर राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
नदियां लाल निशान पार कर तबाही मचा रही
सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ की स्थिति लगातार भयावह हो रही है। बानगंगा को छोड़कर सारी नदियां लाल निशान पार कर तबाही मचा रही हैं। बाढ़ का पानी हर दिन नए गांव व सड़कों को डुबो रहा है। उस्का क्षेत्र के चनरइया-कुकुरभुकवा बांध से कूड़ा नदी का पानी ओवरफ्लो कर जमुआर में आ रहा है इससे जिला मुख्यालय पर भी खतरा मंडरा रहा है। कुशीनगर में बड़ी गंडक नदी का जलस्तर इन दिनों घट बढ़ रहा है। रविवार की दोपहर तक जलस्तर में कमी पाई गई, लेकिन शाम से लेकर देर रात तक जलस्तर में वृद्धि होती गई। देर रात वाल्मीकि गंडक बैराज से 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ने की सूचना दी गई। इस सूचना के बाद जिला प्रशासन खड्डा तहसील क्षेत्र से लेकर तमकुहीराज तहसील क्षेत्र तक हाई अलर्ट पर रहा। खड्डा तहसील के रेताक्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में अब भी बाढ़ का पानी लगा हुआ है। संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका भी बढ़ गई है।
तटबंधों पर दबाव तेज
देवरिया के रुद्रपुर क्षेत्र में राप्ती और गोर्रा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही नदी ने तटबंधों पर दबाव तेज कर दिया है। गायघाट के पास राप्ती के कटान को देखते हुए विभाग ने फ्लड फाइटिंग शुरू कर दी है। रतनपुर के पास सोमवार को गोर्रा का पानी रिसने से द्वाबा के 52 गावों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राप्ती भी लगातार बंधे पर दबाव बना रही है। उधर बरहज में सरयू खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बस्ती में सरयू का जलस्तर बढ़ने से तटीय इलाके हलकान हैं। संतकबीरनगर में भी सरयू और राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।