गाजियाबाद। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर चल रहा किसानों का प्रदर्शन 10वें महीने में प्रवेश कर चुका है। यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर इस दौरान तकरीबन आधा दर्जन बार किसानों की पंचायत हो चुकी है, लेकिन कभी ऐसा मौका नहीं आया जब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत एक मंच पर साथ नजर आए हों। इसको लेकर मीडिया में कयास तक लगाए जाने लगे थे कि राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के बीच मतभेद हैं, जिसकी वजह से दोनों मंच साझा नहीं कर रहे हैं। वहीं, अब रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आयोजित किसानों की महापंयाचत में किसान आंदोलन शुरू होने के बाद पहला मौका है, जब राकेश टिकैत और नरेश टिकैत दोनों एक ही मंच पर नजर आएंगे। इससे यूपी के हजारों किसान खुश हैं कि वे अपने दोनों बड़े नेताओं को एक साथ एक मंच पर देखेंगे।
मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान में होगी महापंचायत
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रविवार को मुजफ्फरनगर के जीआइसी मैदान में आयोजित किसान महापंचायत में देशभर के हजारों किसान जुटेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की इस महापंचायत पर केंद्र सरकार और यूपी सरकार के साथ विपक्षी दलों तक भी नजर रहेगी।
शामिल होंगे 300 से ज्यादा किसान संगठन
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित इस महापंचायत में देशभर के किसान संगठनों के जुटने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि इस महापंचायत में समूचे देश के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल होंगे। इस महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के संगठन प्रमुख रूप से शामिल होंगे। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के अलावा दक्षिण भारत के कई राज्यों के किसान संगठन भी इसमें आएंगे, लेकिन यह दावा गलत भी हो सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा की मानें तो यूपी में आयोजित इस महापंचायत में पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों के नेता हजारों किसानों के साथ शामिल होंगे।
जनवरी में नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के बीच दिखा था ‘मतभेद’
26 जनवरी को किसान परेड़ के दौरान लाल किला समेत समूची दिल्ली में जो हुड़दंग दिखा उसने किसान आंदोलन को ही शर्मसार कर दिया था। किसानों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए लाल किला की प्राचीर पर तिरंगा के बगल में निशान साहिब फहरा दिया था। उधर, इसकी जानकारी लगने पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने लाल किला पर निशान साहिब फहराए जाने, केंद्र सरकार के रवैये और जांच-पड़ताल के तरीके पर सवाल उठाया। इसके साथ उन्होंने गाजीपुर बार्डर से भाकियू के हटने की भी घोषणा कर दी। वहीं, नरेश टिकैत से हटकर छोटे भाई राकेश टिकैत ने साफ कहा कह दिया था कि वह गाजीपुर बार्डर पर डटे हैं।
राकेश टिकैत ने तो यहां तक कहा था कि गाजीपुर बार्डर पर वह और उनके समर्थक डटे रहेंगे। पुलिस चाहे तो गोली चलाए। इस दौरान राकेश टिकैत ने भाजपा के एक नेता पर यह आरोप लगा दिया था कि वह पुलिस के साथ मिलकर किसानों को पिटवाना चाहते हैं। यह कहने के दौरान वह मीडिय के समक्ष रो पड़े। इस दृश्य ने नरेश टिकैत को द्रवित कर दिया। इसके बाद मुजफ्फरनगर, बिजनौर और शामली से हजारों किसान रात को ही निकल पड़े और यूपी गेट पर पहुंच गए। इसके बाद यह आंदोलन राकेश के इर्दगिर्द घूम रहा है।