मुंबई। Sushant Singh Rajput Case: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में पैरा 34 में मुंबई पुलिस को दिए गए अधिकार पर भी विचार करेगी। इस पैरा में कहा गया है कि अभी मुंबई पुलिस द्वारा सीआरपीसी की धारा 175(2) के तहत की जा रही जांच में यदि किसी आपराधिक कृत्य के संकेत मिलते हैं, तो मुंबई पुलिस की समानांतर जांच से इन्कार नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद बुधवार शाम पत्रकारों से बात करते हुए अनिल देशमुख ने कहा कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। इस मामले में राज्य सरकार सीबीआइ को पूरा सहयोग करेगी।
देशमुख ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस की अब तक की जांच को बहुत प्रोफेशनल करार देते हुए कहा है कि उसमें कोई दोष नहीं है, लेकिन बाबा साहब आंबेडकर के बनाए संविधान में संघीय व्यवस्था पर भी विद्वानों को विचार करने की जरूरत है। देशमुख ने आरोप लगाया कि बिहार चुनाव के मद्देनजर इस मामले को सियासी हथियार बनाया जा रहा है। पत्रकारों के पूछने पर अनिल देशमुख ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 175 (2) के तहत अपनी जांच आगे भी जारी रखेगी। साथ ही, राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के पैरा 34 में दिए गए मुंबई पुलिस के अधिकार पर भी विचार करेगी। फैसले के इस पैरा में मुंबई पुलिस द्वारा समानांतर जांच की संभावना से इन्कार नहीं किया गया है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इससे पहले कहा था कि बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में राजनीतिक लाभ के लिए इस मामले का अब राजनीतिकरण किया जा रहा है। महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में पूछताछ कर रही है और सच सामने लाने में सक्षम है, कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। उनके मुताबिक, अगर बिहार पुलिस ने सीआरपीसी के सीएच 12 और 13 के तहत पटना में मामला दर्ज किया हो, इस मामले में पुलिस और न्यायालयों द्वारा जांच की जानी है, जिनके अधिकार क्षेत्र में घटना हुई है। मैं इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग की निंदा करता हूं।