इस महामारी में लोगों की जॉब छूट गयी है कई प्ले स्कूल जिनका संचालन महिलायें कर रही थी क्रच/ डे बोर्डिंग बंद हुए जिसका सीधा सीधा प्रभाव लोगों पर पड़ा है। लोगों का लगभग पूरा वर्ष कोरोंना की भेंट चढ़ गया आम जनता को इस बजट से बहुत उमीदे थी, क्यूँकि लोगों ने बड़े ही का मुश्किलों से यह समय गुज़ारा है, एजुकेशन सेक्टर में भी सरकार से काफ़ी उमीदे थी जिसमें किसी भी तरह की कोई भी रियायत नहीं दी गयी।
महिलाओं के लिए किसी भी तरह का रियायत नहीं दिया गया। पेटोल के दाम आसमान छू रहे है जिस वजह से आए दिन घर का बजट बढ़ रहा है।
व्यवसाय बंद हुआ है परंतु सरकार ने किसी भी प्रकार से कोई भी मरहम नहीं लगाया। करोना काल शिक्षा के नाम पर भी अभिभावको को कोई लाभ नहीं मिल पाया। महिलाओं के लिए कोई भी आर्थिक पैकिज इस बजट में नहीं दिखा। अफोर्डेबल हाउसिंग पर ब्याज छूट सीमा बढ़ी जिससे हाउज़िंग को बढ़ावा मिलेगा।
रश्मि पाण्डेय
महासचिव नेफोमा