लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर कहा कि केंद्र सरकार को भी अड़िल रवैया त्याग कर इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए। इस मामले में हरियाणा सरकार का रवैया घोर किसान-विरोधी है। अब सिर फोड़ने के सरकारी आदेशों को भी सही ठहराया जा रहा है। बसपा आंदोलित किसानों की जायज मांगों के समर्थन में हमेशा खड़ी रही है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार से भी आग्रह है कि वह हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की तरह किसानों के खिलाफ बर्बर व्यवहार न करे।
बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को माल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में सात मंडलों लखनऊ, प्रयागराज, देवीपाटीन, फैजाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर और बस्ती के मुख्य सेक्टर प्रभारियों, जिला सेक्टर प्रभारियों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी की सफलता से विरोधियों में खलबली मची हुई है। भाजपा को अपने हाथ से सत्ता जाते हुए दिख रही है।
बसपा चीफ मायावती ने संगठन खासकर पोलिंग बूथ कमेटियों के काम-काज व उनकी तैयारियों आदि की भी समीक्षा की और बचे हुए काम युद्धस्तर पर एक से डेढ़ माह में पूरा करने के निर्देश दिए। कहा कि कमेटी गठन व कैडर बैठकों में सभी को उनकी जिम्मेदारियां जरूर बताई जाएं और इसकी लगातार समीक्षा कर प्रगति रिपोर्ट दी जाए।
मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिस प्रकार से कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी द्वारा बसपा मूवमेंट व उसके नेतृत्व के खिलाफ तरह-तरह के हथकंडों का इस्तेमाल हो रहा है, उससे अब और ज्यादा सजग रहने की जरूरत है। विरोधी पार्टियां बसपा के बढ़ते जनाधार व यूपी में एक बेहतर विकल्प के रूप में उसके उभरने से काफी घबराई हुई हैं। भाजपा सत्ता जाती हुई देखकर ऐसे फैसले ले रही है जिसका जनहित से सही वास्ता न होकर केवल सस्ती लोकप्रियता वाला है।