नई दिल्ली| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की 12 अक्टूबर को फिर से बैठक होगी और जीएसटी मुआवजे के लिए उधार के विकल्पों पर राज्य सरकारों और केंद्र के बीच सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। अक्टूबर में फिर से मिलने का फैसला बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी द्वारा लिया गया है। परिषद (काउंसिल) की सोमवार की बैठक में मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो सका।
बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सीतारमण ने कहा कि केवल 20 राज्यों ने विकल्प-1 को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “हमें आगे बात करने की जरूरत है।”
इससे पहले जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में केंद्र ने राज्य सरकारों को दो विकल्प प्रदान किए थे। पहले विकल्प के तहत क्षतिपूर्ति के लिए राज्य भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के स्पेशल विंडो से उचित ब्याज दर पर 97,000 करोड़ रुपये उधार ले सकते हैं। इस रकम को 2022 के बाद के पांच साल में चुकाया जा सकता है। दूसरे विकल्प में राज्यों को कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटाने का विकल्प दिया गया है।
केंद्र को विकल्पों के बारे में राज्यों के बीच मतभेद है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य पहले विकल्प को अपनाने को तैयार हैं। बाकी राज्य दोनों विकल्पों का विरोध कर रहे हैं। इस वजह से इस मसले पर गतिरोध कायम है।
वित्त मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 में जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर 2.35 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, क्योंकि केंद्र को कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण जीएसटी उपकर से केवल 65,000 करोड़ रुपये एकत्र होने की उम्मीद है।