कोलकाता। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ममता सरकार के कद्दावर मंत्री शुभेंदु अधिकारी की बगावत के बाद पार्टी के दो और विधायकों ने विद्रोह का बिगुल फूंका है। कूचबिहार दक्षिण से विधायक मिहिर गोस्वामी तथा इसी जिले के सिताई केंद्र से विधायक जगदीश वसुनिया ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है तथा पार्टी छोड़ने की मंशा जताई है।
कूचबिहार दक्षिण से विधायक मिहिर गोस्वामी ने कहा है कि वह पार्टी में कई वर्षों से बेहद अपमानित महसूस कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस पर ममता बनर्जी का कोई नियंत्रण नहीं रहा गया है। उन्होंने कहा कि वह छह हफ्ते पहले पार्टी छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन पार्टी के कोई भी बड़े नेता, यहां तक कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी उनसे कोई संपर्क नहीं किया है।
वहीं दूसरी ओर इसी जिले के सिताई केंद्र से विधायक जगदीश वसुनिया ने गोस्वामी का समर्थन किया है और कहा है कि पार्टी टूट के कगार पर है। इससे पहले विधायक मिहिर गोस्वामी ने कहा था कि पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम अगर पार्टी को निर्देश देगी कि कैसे काम करें तो यह पार्टी के लिए अच्छा नहीं होगा। अगर कोई पार्टी चाहती है कि एजेंसी पार्टी को चलाए तो 100 फीसद पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं को पार्टी से जुड़े कामों को संभालना चाहिए।
बताते चलें कि हाल में ममता सरकार के कद्दावर मंत्री शुभेंदु अधिकारी विद्रोह का बिगुल फेंक चुके हैं। उन्होंने तृणमूल से अलग एक रैली भी की थी। इसके अलावा पिछले दिनों हुगली जिले से पार्टी के विधायक बेचाराम मन्ना से मतभेद के कारण ममता सरकार के मंत्री रबींद्रनाथ भट्टाचार्य पार्टी छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं।