द चार्जशीट- इनोसेंट ऑर गिल्टीश् और श्आर्याश् के बाद सिकंदर खेर इस साल की अपनी तीसरी वेब सीरीज श्मुंभाईश् में अंडरवर्ल्ड डॉन रामा शेट्टी के किरदार में नजर आएंगे। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लगातार अलग-अलग किरदारों में नजर आ रहे सिकंदर ने अपने जज्बात दीपेश पांडेय के साथ साझा किए। मैंने इस वेब सीरीज के लिए ऑडिशन दिया था। काफी समय बीत जाने के बाद मेरे मित्र और इस शो के निर्माता अपूर्व लाखिया का फोन आया। तब उन्होंने बताया कि कास्ट फाइनल ही हो रही थी जब उन्हें मेरा ऑडिशन दिखा। उन्होंने मेरे किरदार के लिए एकता कपूर से बात की। उसके बाद मुझे रामा शेट्टी के किरदार के लिए चुना गया। अभिनेता का काम ही होता है ऑडिशन देना। हॉलीवुड में बड़ी-बड़ी हस्तियां भी ऑडिशन देती हैं। हाल ही में श्जेम्स बांडश् सीरीज की अगली फिल्म के लिए टॉम हार्डी जैसे अभिनेता ने भी ऑडिशन दिया। ऑडिशन से ही पता चलता है कि कलाकार स्क्रिप्ट और किरदार के अनुसार सही है या नहीं। इसमें मुझे कोई असहजता नहीं होती। कहीं-कहीं ऑडिशन को स्टारडम से भी जोड़कर देखा जाता है। मुझे यह बात समझ नहीं आती। रामा शेट्टी के किरदार पर चर्चा के दौरान मैंने भाषा प्रशिक्षक और निर्देशक अक्षय चैबे से कह दिया था कि अगर मैं पूरी तरह से दक्षिण भारतीय बोलचाल की शैली पकड़ लेता हूं तो ठीक, वरना पूरा डायलॉग सामान्य हिंदी शैली में ही बोलेंगे। कोशिश करने पर मैंने देखा कि मैं उस शैली में अच्छी तरह बोल पा रहा था। मैं रामा शेट्टी के डायलॉग ज्यादा नहीं देखता था, सेट पर खुद ही डायलॉग बनाता था। रामा के लुक में लंबे बालों के लिए विग का इस्तेमाल करते हुए हमने मूंछें, दाढ़ी, शर्ट और लुंगी वाला लुक आजमाया। सभी को पसंद आने पर यही लुक फाइनल किया गया।
अगर दर्शकों के सामने हम अच्छी कहानी पेश करेंगे तो उन्हें जरूर पसंद आएगी। मुंबई के गैंगस्टर्स और पुलिस की कहानियों में अच्छाई बनाम बुराई, आपसी टकराव और कई दिलचस्प उतार-चढ़ाव होते हैं इसलिए इतनी फिल्में बनने के बाद भी लोग ऐसी कहानियां पसंद करते हैं। तुलना तो होती रहती है लेकिन मैं किसी दूसरी फिल्म या अन्य प्रोजेक्ट से खुद की तुलना नहीं करता। लिहाजा मेरे ऊपर परफॉर्मेंस का कोई दबाव नहीं होता। मैं हमेशा से ही अलग-अलग तरह के किरदार निभाता आया हूं। आर्या के दौलत और श्मुंभाईश् के रामा में जमीन-आसमान का अंतर है। अपने पास आई हर अलग चीज को मैं एक चुनौती की तरह लेता हूं। यह किसी योजना के तहत नहीं कर रहा, जो मुझे मिल रहा है, बस उसे पूरी मेहनत के साथ कर रहा हूं। मैं किसी के नक्शेकदम पर नहीं चलता। मेरी जिंदगी मुझे जिस राह पर ले जाती है, मैं उसी के अनुसार जीता रहता हूं। लोगों से प्रेरणा लेना अलग बात है और नक्शेकदम पर चलना अलग। रही बात हॉलीवुड की तो अगर मुझे मौका मिले तो मैं दुनिया की हर भाषा में अभिनय करना चाहूंगा। यह जरूरी नहीं कि सब एक ही मुद्दे पर बोलें। जो चीजें मेरे दिल को छूती हैं, मैं सिर्फ उन पर बात करता हूं। अगर मुझे लगता है कि किसी मुद्दे पर आवाज उठाकर मैं बदलाव ला सकता हूं तो मैं जरूर आगे आता हूं।