आगरा के जगदीशपुरा थाने में पुलिस कस्टडी में मारे गए सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि के घर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहुंचे। उन्होंने परिजनों का दर्द सुना और सांत्वनां दी। इसके साथ ही सरकार से पीड़ित परिवार को 40 लाख रुपए मुआवजा देने और न्यायिक जांच की मांग की।
राकेश टिकैत ने कहा कि जब लखीमपुर खीरी औऱ कानपुर के व्यापारी को 40 लाख दिया गया तो अरुण वाल्मीकि के परिजनों को भी उतना ही मिले। जब मजदूर, गरीब, अमीर सब का वोट एक है तो फिर मौत का मुआवजा अलग क्यों।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार किसान विरोधी है। आलू और बाजरा के किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार समर्थन मूल्य पर कानून बनाने को तैयार नहीं, लेकिन किसानों की फसल को आधे दाम पर लूटने को तैयार है।
उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों के लिए तीनों कृषि काननू काले हैं। सरकार ने सब कुछ बेच दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में लोग भाजपा को वोट नहीं देंगे। इसके बावजूद ये लोग गुंडागर्दी के बल पर सरकार बनाएंगे। भाकियू गांव-गांव जाकर इनके खिलाफ किसानों से वोट न देने की अपील करेगा।
उन्होंने कहा कि किसान धरनास्थल पर ही दिवाली मनाएंगे। संघर्ष से समाधान तक आंदोलन जारी रहेगा। किसान सरकार से बातचीत को तैयार हैं। इसी से ही रिजल्ट निकलेगा।