नीरज शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर नगर में स्थित लक्ष्मी मेडिकल एजंसी पर ड्रग इंस्पेक्टर की छापामार कार्रवाई के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। ड्रग इंस्पेक्टर का दावा है कि लक्ष्मी मेडिकल एजंसी दवाइयों के नाम पर धड़ल्ले से अवैध ढंग से मनःप्रभावी औषधि (psychoactive drug) बेच रही थी।
बता दे, मेडिकल स्टोर्स पर दवाइयों के नाम पर अवैध ढंग से नशीली दवाइयां बेचे जाने का स्याह धंधा खूब फल फूल रहा है। नोटों के चंद टुकड़ों की भूख में कुछ स्टोर संचालक नस्लों को तबाह करने पर तुले हैं। ऐसी ही एक शिकायत पर बुलंदशहर ड्रग इंस्पेकर दीपा लाल ने बुलंदशहर नगर के बस डिपो के पास स्थित लक्ष्मी मेडिकल एजेंसी पर छापामार कार्रवाई की। औषधि निरीक्षक का दावा है कि उन्हें लंबे समय से एजंसी पर अवैध ढंग से मनःप्रभावी
औषधि (psychoactive drug) बेचे जाने की सूचना मिल रही थी, जबकि कार्रवाई के दौरान एजंसी में भारी मात्रा में मनःप्रभावी औषधि (psychoactive drug) मिले हैं, लेकिन फर्म मौके पर उनसे संबंधित कागज़ात नहीं दिखा सकी। इसके अलावा भी एजेंसी पर अन्य कई ऐसी दवाइयां मिली हैं जिन्हें संदिग्ध मानते हुए टीम द्वारा उनके नमूने जमा कर जांच के लिए भेजा गया है। ये छापामार कार्रवाई सहायक आयुक्त औषधि मेरठ मंडल के आदेश पर की गई थी, जबकि इस रेड में बुलंदशहर ड्रग इंस्पेक्टर दीपालाल के साथ औषधि निरीक्षक बागपत और औषधि निरीक्षक मेरठ मंडल भी शामिल थे। फिलहाल टीम द्वारा मनःप्रभावी औषधि (psychoactive drug) की बिक्री पर रोक लगाते हुए क़ई संदिग्ध नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।
हालांकि इस छापेमारी के बाद टीम द्वारा एजेंसी पर वैधानिक कार्रवाई करने का दावा किया जा रहा है। मगर सवाल ये कि क्या बुलंदशहर की लक्ष्मी मेडिकल एजंसी पर दवाईयों के नाम पर नशीली दवाओं का स्याह धंधा किया जा रहा था ?
खैर ये तो जांच के बाद ही साफ हो सकेगा, मगर अब देखने वाली बात ये होगी कि जांच को भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट कब तक आएगी और विभाग इस एजंसी संचालक के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई करता है…