देश के प्रधानमंत्री भारत में विदेशी निवेश के लिए काफी प्रयासरत नजर आते हों सरकार भले ही विदेशी निवेशकों को लेकर तमाम दावे पेश करती हो लेकिन हालात कुछ और ही बयान करते हैं । ये मामला सामने आया है विश्व की सबसे नामी मोबाइल कंपनी एचटीसी का जो भारत में अब अपना व्यापार बन्द कर चुकी है वहीँ देश भर के एचटीसी मोबाइल के डिस्ट्रीब्यूटरों का आरोप है कि कंपनी ने उन सभी के साथ धोखा किया है । डिस्ट्रीब्यूटरों का कहना है कि सभी लोगों का मिलाकर तकरीबन 100 करोड़ रुपए एचटीसी कंपनी पर बकाया है और वे सभी अपना व्यापार छोड़ कर धरने पर बैठने को मजबूर हैं ।
तस्वीरों में एमपीएस टेलीकॉम लिमिटेड के दफ्तर के बाहर HTC मुर्दाबाद के नारे लगाने वाले ये लोग वहीँ है जिन्होंने अपनी जीवन भर की पूँजी लगा कर HTC मोबाइल की डिस्ट्रीब्यूटर शिप ली थी लेकिन भारत मे कंपनी बन्द होने के बाद अब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं । वहीँ देश भर के कोने कोने से आये डिस्ट्रीब्यूटरों का कहना है कि HTC कंपनी का पूरे भारत मे एमपीएस टेलीकॉम लिमिटेड कंपनी डिस्ट्रीब्यूटर थी जिससे उन सभी ने अलग अलग डिस्ट्रीब्यूटरशिप ली थी । कंपनी की पॉलिसी थी कि वारण्टी में जो भी मोबाइल रिप्लेस होंगे उन्हें कंपनी बदल कर देगी लेकिन जब कंपनी से उन लोगों ने रिप्लेसमेंट के लिए बोला तो कंपनी के अधिकारियों ने आज कल का कह टाल दिया । इस तरह महीनों गुजर गए और अब अचानक बिना उन्हें कोई नोटिस दिए HTC कंपनी ने भारत मे अपना व्यापार वन्द कर दिया है जिसकी वजह से उन सभी पर करोड़ों रुपये का स्टॉक जमा हो गया है यदि सभी का स्टॉक मिला कर बात की जाए तो तकरीबन 100 करोड़ रुपये बैठेगा अब कंपनी का कोई भी अधिकारी उनसे बात करने को तैयार नहीं है वहीँ जब इस बारे में उन्होंने एमपीएस टेलीकॉम के मालिक अशोक गुप्ता से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने ने भी बात करने से मना कर दिया वहीँ अशोक गुप्ता ने चालाकी से एमपीएस टेलीकॉम का नाम बदल कर ऑप्टिमस रख लिया है और उसका कहना है कि उसका इससे कुछ लेना देना नहीं है ।।
अपने जीवन भर की कमाई को लगाकर डिस्ट्रीब्यूटर अब धरने पर बैठने को मजबूर हैं लेकिन न तो इनकी HTC कंपनी सुन रही है और न ही एमपीएस टेलीकॉम का मालिक अशोक गुप्ता ही इनकी समस्याओं को सुनने को तैयार है । वहीं देश भर से आये सेकडों डिस्ट्रीब्यूटरों का कहना है कि उन्होंने इसकी लिखित शिकायत नोएडा एसएसपी के दफ्तर में दी है यदि अभी कोई कार्यवाही नहीं होती है तो वो सभी सोमवार से कंपनी के दफ्तर के बाहर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे ।