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शिकंजे में आए रुपये को डॉलर में बदलने वाले दो साइबर ठग, इटावा पुलिस के हाथ लगी सफलता

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इटावा। फर्जी एप और वेबसाइट के जरिये लालच देकर ग्राहकों से रुपये को डॉलर में बदलने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों की तीन दिन पहले गिरफ्तारी के बाद गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनके पास से 50,110 रुपये नकद, दो-दो लैपटॉप, सीपीयू, एक-एक डेस्कटाप व टैबलेट, 10 मोबाइल फोन, 14 चेक बुक, छह चेक, पांच आधार कार्ड, तीन पैनकार्ड, एक-एक वोटर आइडी कार्ड व पासबुक, 17 विभिन्न बैंकों के कार्ड मिले हैं।

यहां से किया गिरफ्तार 

ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश होने के बाद गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए क्राइम ब्रांच प्रभारी बेचन सिंह और सदर कोतवाली प्रभारी बचन सिंह सिरोही के नेतृत्व में पुलिस टीम सक्रिय थी। संयुक्त टीम ने गिरोह के दो अन्य सदस्य राहुल सिंह परमार पुत्र नवाब सिंह निवासी शिवपुरी कालोनी थाना टूंडला जनपद फीरोजाबाद व अखिलेश उर्फ अखिल पुत्र रामविशाल विश्वकर्मा निवासी सेंचुरी अपार्टमेंट एमआईजी फ्लैट सेक्टर 100 थाना सेक्टर 20 जनपद गौतमबुद्धनगर को बीएसए दफ्तार के पास से गिरफ्तार किया है।

एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश तब हो सका था जब पांच मार्च को सदर कोतवाली पर यशोदा नंदन उपाध्याय निवासी द्वारकापुरी जनपद एटा द्वारा दर्ज कराए गए साइबर ठगी के मामले में पुलिस टीम ने कार्रवाई की। यशोदा नंदन उपाध्याय ने बताया था कि उनके मित्र दीवान इंटरनेशनल के मालिक मोहम्मद सामीन को एक मार्च को कुलजीत ङ्क्षसह एवं सौरभ शुक्ला द्वारा पक्का तालाब चौराहे पर मिलने के लिए बुलाया था, जिन्होंने ग्लोब-पे पर मित्र को कम कीमत पर आनलाइन रुपये को डॉलर में परिवर्तित करने का लालच देकर आठ लाख रुपये की साइबर ठगी की है। पुलिस टीम ने आठ मार्च को पक्का तालाब चौराहा के पास से गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

प्रदेश के कई जिलों में पाई गई संलिप्तता 

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संयुक्त टीम टीम द्वारा अन्य संकलित साक्ष्यों के आधार पर प्रकरण के संबंध में विस्तृत जांच करने पर उसमें अन्य शहरों दिल्ली एनसीआर, आगरा, फतेहपुर एवं कानपुर नगर के साइबर ठगों की संलिप्तता पाई गई। पूछताछ में राहुल व अखिलेश ने बताया कि वे कई विदेशी डार्कवेब हैकर्स के संपर्क में रहते हैं, जो उन्हें सभी साइटों के उपयोगकर्ता के नाम व पासवर्ड उपलब्ध कराते हैं और वह वास्तविक निवेशकों को 50 प्रतिशत की दर से विदेशी मुद्रा प्रदान करने का लालच देकर रुपय़ों की ठगी करते हैं।

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