उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले से चल रही समाजवादी पार्टी का घमासान अभी भी जारी है। प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही पार्टी की बुरी पराजय को भी घमासान का कारण माना जा रहा है, लेकिन यह घमासान अभी भी जारी ही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के दो खेमे बने हैं। इसके कारण समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान के बीच दोनों खेमों में सुलह के आसार अभी तक नहीं दिख रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कल पार्टी दफ्तर में नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है तो पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने 29 को सभी विधायकों को लखनऊ में अपने आवास पर शाम छह बजे बुलाया है। एक दिन के अंतराल पर बुलाई गई इन बैठकों के न सिर्फ सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं बल्कि परिवार की कलह फिर उजागर होने की आशंका जाहिर की जा रही है।
राजधानी लखनऊ में तीन दिन पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया था। इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तेवर से अब पार्टी के दोनों खेमों के अलग-अलग बैठक बुला लिये जाने से मामला और गर्म हो गया है।
इस बैठक में विधानसभा के लिए नेता प्रतिपक्ष का नाम भी तय हो सकता है। अखिलेश यादव इससे पहले भी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक ले चुके हैं। कई दिनों से वह मंडलवार पार्टी संगठन की बैठक करके हार के कारणों पर चर्चा भी कर रहे हैं। पार्टी की अब संगठनात्मक गतिविधियां शुरू होने वाली हैं। इसमें सदस्यता अभियान, व प्रदेश संगठन का चुनाव भी अहम हैं।
अखिलेश ने 28 को बुलाई विधायकों की बैठक
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अहम फैसलों के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 17वीं विधानसभा में पार्टी के निर्वाचित 47 विधायकों की कल बुलाई है। 17वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में सपा के 47 विधायक जीते हैं। इनमें शिवपाल यादव भी हैं। हार के बावजूद नेता प्रतिपक्ष का पद समाजवादी पार्टी के हिस्से में हैं। ऐसे में शिवपाल यादव, आजम खां, रामगोविंद चौधरी, दुर्गा यादव इस पद के दावेदार हैं।
गत दिनों शिवपाल सिंह यादव ने इस पद की रेस से खुद को अलग करने की बात कही थी। आजम खां ने खुद चुप्पी साध रखी है, मगर विधानसभा चुनाव में सपा की हार की मुख्य वजह ‘ध्रुवीकरण’ मानी जा रही, इससे खां के नाम को लेकर विधायकों में थोड़ी हिचक है। माना जा रहा है शिवपाल सिह यादव नेता प्रतिपक्ष का पद आजम खां को दिलाना चाहते हैं। इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर सपा अखिलेश ने 28 मार्च नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें नेता प्रतिपक्ष के नाम पर निर्णय लिया जा सकता है।