देहरादून। चुनावी साल और तबादला सत्र शून्य, ऐसे में शिक्षकों के साथ ही सरकार की परेशानी भी बढ़ सकती है। पिछले साल गंभीर रूप से बीमार समेत जरूरतमंद सैकड़ों शिक्षक तबादलों से वंचित रह गए थे। ऐसे में सरकार को स्थानांतरण एक्ट के नियम-27 के तहत शिक्षकों के नए के साथ ही पुराने आवेदनों पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
तबादला सत्र शून्य घोषित होने के बाद अब अनिवार्य तबादलों का विकल्प खत्म हो चुका है। इससे दुर्गम में वर्षों से कार्यरत शिक्षकों के लिए सुगम में तैनाती को लेकर इंतजार बढ़ गया है। वहीं अब सिर्फ अनुरोध के आधार पर ही बेहद जरूरी तबादलों पर ही विचार किया जाएगा। गंभीर रूप से बीमार, दिव्यांग व दिव्यांग बच्चों के माता-पिता शिक्षक और जरूरतमंद शिक्षक ही तबादलों के लिए अनुरोध कर सकते हैं। ऐसे आवेदनों की जांच में विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ती है।
गंभीर बीमारी और दिव्यांगता के मामले में राज्य मेडिकल बोर्ड के प्रमाणपत्र की दरकार रहती है तो जरूरतमंदों को मानवीय आधार पर ही राहत मिलने की उम्मीद की जा सकती है। अनुरोध के आधार पर तबादलों पर समय रहते कार्यवाही न होना विभाग और सरकार की सबसे बड़ी चिंता है। बीते वर्ष कोरोना के चलते ही तबादला सत्र शून्य घोषित किया गया था। शिक्षकों को राहत देने के लिए स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत शिक्षकों के तबादला प्रस्ताव शासन को भेजे गए थे।
करीब साढ़े तीन हजार आवेदनों में से काफी मशक्कत के बाद प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों के करीब 1500 प्रस्तावों को समिति के समक्ष रखा जाना था। बीता सत्र पूरा गुजर गया, लेकिन समिति की बैठक न होने से शिक्षकों को तबादलों का लाभ नहीं मिला। पुराने प्रस्तावों पर विचार करने की मांग चालू शैक्षिक सत्र 2021-22 में अनुरोध के आधार पर नए सिरे से तबादला प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। हालांकि शिक्षक संगठनों की ओर से पुराने प्रस्तावों पर भी गौर करने की मांग उठने लगी है। अनुरोध के आधार पर तबादलों को लेकर सरकार को खासी मशक्कत करनी होगी।
चुनावी साल की वजह से शिक्षक संगठनों की नाराजगी दूर करने पर सरकार का ध्यान है। संपर्क करने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि तबादला सत्र शून्य घोषित होने के बाद परिस्थितियों के मद्देनजर तबादलों को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाकर चर्चा की जाएगी। इसमें समाधान का रास्ता ढूंढा जाएगा।
क्या है नियम-27
स्थानांतरण एक्ट में अनिवार्य और अनुरोध के आधार पर तबादलों का प्रविधान है। इससे इतर विशेष परिस्थितियों में जरूरतमंदों के तबादला आवेदनों को एक्ट के नियम-27 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति के समक्ष रखा जाता है। एक्ट के दायरे से बाहर तबादला प्रकरणों पर गुण-दोष के आधार पर समिति फैसला लेती है।