शहर सामाजिक गतिविधियों में हमेशा ही अग्रणी रहे नोएडा लोकमंच ने पहला कदम संस्कृति की ओर…. नाम से एक सांस्कृतिक प्रकल्प शुरू कर कला की विधाओ और उभरती प्रतिभा के कलाकारों को जोड़कर एक साझा मंच प्रदान कर रहा है। इस कड़ी में सात दिवसीय नोएडा लोकमंच नाट्य महोत्सव का आयोजन नोएडा के इतिहास में पहली बार किया जा रहा है। ये नाट्य महोत्सव 27 जनवरी से शुरू हो कर 2 फरवरी तक चलेगा। यह जानकारी नोएडा के सैक्टर 15 स्थित संवाददाता सम्मेलन नोएडा लोकमंच के चेयरमैन योगेंद्र नारायण, नोएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना, और बीडी सिन्हा ने दिया।
योगेंद्र नारायण ने कहा की दुनिया में रंगमंच का इतिहास उतना पुराना है जितना कि मानव सभ्यता में संप्रेषण का इतिहास है। भारत रंगमंच की महान परंपरा की धरती है. यह नाट्यशास्त्र की धरती है। राजधानी दिल्ली में कई नाट्य संस्थान और थियेटर है लेकिन राजधानी से सटे होने के वावजूद नोएडा इस विधा से अछूता है। इसी शून्यता को खत्म करने के लिए सात दिवसीय नोएडा लोकमंच नाट्य महोत्सव का आयोजन नोएडा के इतिहास में पहली बार किया जा रहा है।
उन्होने कहा कि इस नाट्य महोत्सव में ना केवल दर्शकों को आकर्षित करने वाले नाटक होंगे बल्कि नोएडा के लगभग 60 स्कूल का इस नाट्य महोत्सव से जुड़ना, इसे नया आयाम प्रदान करेगा। इन 60 स्कूलों की पहले अंतर स्कूल नाट्य प्रतियोगिता होगी, जो चार अलग-अलग वर्गों में आयोजित किया जा रही है। यह वर्ग है सरकारी स्कूल,एनजीओ के स्कूल, सेमी पब्लिक स्कूल और पब्लिक स्कूल। इन चारों वर्गों में नोएडा के स्कूलों के 2000 बच्चे नाटकों भाग लेगे।
हर ग्रुप से चार स्कूल जो प्रथम चार स्थान प्राप्त करेंगे, उन चारों विजेताओ का नाटक पहले नाट्य महोत्सव के पहले चार दिन प्रस्तुति करेंगे। इस प्रकार चार दिनो नोएडा वासियो को 16 नाटक देखने को मिलेगे। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के नाटक को हम नोएडावासियों को दिखाना चाहते हैं, इस तरह हम लोग नोएडा शहर एक नाट्य संस्कृति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।