नीरज शर्मा की रिपोर्ट
वन विभाग से ली महज 35 पेड़ काटने की अनुमति
वनविभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं के हौंसले बुलंद
जहांगीराबाद : लकड़ी माफियाओं ने अपने कदम नगर की ओर बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। वन विभाग से लकड़ी माफियाओं की मिलीभगत शासन के वृक्षारोपण अभियान को ठेंगा दिखाते हुए पर्यावरण को भी जमकर नुकसान पहुंचा रही है। लकड़ी माफियाओं ने नगर स्थित नई मंडी के सामने स्थित एक आम के बाग को रातों रात काट कर साफ कर दिया। वन विभाग से महज 35 पेड़ों के कटान की अनुमति की लेकर वन माफिया ने रातों रात आम के सौ से ज्यादा हरे पेड़ काट डाले। स्थानीय पुलिस ने मामले की जानकारी होने से इंकार करते हुए किनारा कर लिया है जिसके बाद स्थानीय पुलिस की गश्त पर भी सवाल उठ रहे हैं।
वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर चलाया जा रहा वृक्षारोपण अभियान वन विभाग और लकड़ी माफियाओं के लिए मजाक बनकर रह गया है। वन विभाग और लकड़ी माफियाओं की मिलीभगत के चलते हरे पेड़ों पर जमकर आरी चलाई जा रही है। वृक्षारोपण अभियान में समय समय पर जिले के आला अधिकारी भी भाग लेते रहते हैं। लेकिन वन विभाग से लेकर अन्य कई विभागों के सरकारी कर्मचारी वन माफ़ियाओं से अपनी सांठ गांठ के चलते हरे और फलदार पेड़ों पर रातों रात आरी और कुल्हाड़ी चलवा कर उनका सफाया करवा रहे हैं। नगर की नई अनाज मंडी के सामने स्थित रोड पर एक हरे आम के पूरे बाग को ऐसे ही दबंग वन माफियाओं द्वारा काट दिया गया।मामले के सम्बंध में डीएफओ व तहसील अनूपशहर में तैनात वन रेंजर से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों अधिकारियों के फ़ोन बन्द मिले। स्थानीय पुलिस ने बाग कटने की जानकारी होने से इंकार करते हुए अपना किनारा कर लिया है जिसके बाद क्षेत्र में होने वाली पुलिस की रात्रि गश्त पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
चेतावनी के बाद भी बाज नहीं आ रहे लकड़ी माफिया
अनलॉक के बाद अचानक बड़े वायु प्रदूषण ने पर्यावरण विभाग की चिंता बढा दी थीं। जिसके बाद पर्यावरण विभाग द्वारा चेतावनी भी जारी की गई थी। किन्तु इन चेतावनियों की परवाह किये बिना लकड़ी माफियाओं द्वारा लगातार हरे पेड़ों का कटान किया जा रहा है।