अंकुर अग्रवाल , ग़ाज़ियाबाद
गाजियाबाद के मोदीनगर में लाॅकडाउन का असर लोगों पर इस कदर पड़ा है कि उनके पास गणेश चतुर्थी के त्यौहार पर मूर्ति ख़रीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं. इसलिए इस बार मूर्तिकारों को अपनी लागत भी नहीं निकाल पाने का डर सता रहा है.
इस बार कोरोना महामारी के बीच हिंदू मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्यौहार आ रहे हैं. जिनका कोरोना महामारी के चलते रंग फीका पड़ रहा है. ऐसे ही अब चंद दिन बाद हिंदू समुदाय का खास गणेश चतुर्थी का त्यौहार आ रहा है. जिस पर श्रद्धालु भगवान गणेश की मूर्ति खरीद कर उसकी पूजा करते हैं, और गणेश विसर्जन पर उसको गंगा में प्रवाहित कर दिया जाता है. ऐसे में गणेश की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकारों का रोजगार अच्छा होता है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के दौरान कैसे हैं ।।
फुटपाथ किनारे रह कर अपना गुजारा करने वाले मूर्तिकार शंकर ने बताया कि इस बार गणेश चतुर्थी आने से पहले उनका मूर्तियों का काम मंदा है. क्योंकि पहले रक्षाबंधन के बाद से ही उनकी मूर्तियां बिकनी शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार उनकी मूर्तियां नहीं बिक रही है और वह खाली बैठे हुए हैं.।
इस बार नहीं बिक रही हैं मूर्तियां
मूर्तिकार शंकर का कहना है कि उन्होंने भगवान गणेश की मूर्तियां तो बना कर रखी हुई है. लेकिन अब बिकेगी या नहीं यह भगवान के ही भरोसे है. इससे पहले गणेश चतुर्थी के अवसर पर उनके द्वारा बनाई गई सभी मूर्तियां बिक जाती थी. लेकिन इस बार सभी मूर्तियां ऐसी ही रखी हुई है, हालांकि इस बार उन्होंने पहले के मुकाबले काफी कम मूर्तियां बनाई है लेकिन वह भी नहीं बिक पा रही हैं.
कर्जा लेकर बनाई है मूर्तियां
मूर्तिकार ने बताया कि वह अब तक 50 से ₹60000 की गणेश की मूर्ति बनाकर रख चुके हैं. अगर वह बिक कर उनकी लागत भी मिल जाएं तो वह भी सही है. सस्ते दामों पर भी नहीं बिक रही है मूर्तिया