क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने डीआरएस कॉल पर एक अपना एक वीडियो बनाया है, जिसे ट्वीट भी किया है। इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए हरभजन सिंह ने लिखा है, “आप के साथ सहमत हूं पाजी, आप 1000 प्रतिशत सही हो। गेंद स्टंप को छू रही है, तो इसे आउट दिया जाना चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि गेंद के कितने हिस्से विकेट से टकराए हैं। खेल की बेहतरी के लिए खेल में कुछ नियम बदलने चाहिए। यह निश्चित रूप से उनमें से एक है।”
इससे पहले तेंदुलकर ने कहा था कि अगर गेंद स्टंप्स से टकरा रही है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाना चाहिए। तेंदुलकर ने ट्वीट किया था, “अगर गेंद स्टंप्स से हिट हो जाती है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर DRS हमें दिखाता है कि गेंद स्टंप्स से टकराने वाली है, तो उसे आउट दे दिया जाना चाहिए।” अपने वीडियो में सचिन कहते हैं, “आइसीसी के साथ मैं एक बात मैं सहमत नहीं हूं, वह डीआरएस है, जिसका वे काफी समय से उपयोग कर रहे हैं। यह LBW निर्णय है, जहां 50 प्रतिशत से अधिक गेंद को ऑन-फील्ड निर्णय के लिए स्टंप से टकराना होगा।”
सचिन ने कहा है, “एकमात्र कारण यह है कि वे (बल्लेबाज या गेंदबाज) निराश हो जाते हैं, क्योंकि वे ऑन-फील्ड निर्णय से नाखुश हैं, इसलिए जब निर्णय तीसरे अंपायर के पास जाता है, तो तकनीक को संभालने दें, जैसे टेनिस में होता है कि अगर ऐसा है तो है फिर। वहां बीच में कुछ भी नहीं होना चाहिए।” कई पूर्व खिलाड़ियों द्वारा अंपायर्स कॉल को हटाने की सिफारिश की गई है। जब भी कोई फैसला ‘अंपायर्स कॉल के रूप में पॉप अप होता है, तो ऑन-फील्ड अंपायर का निर्णय नहीं बदला जाता है, लेकिन टीमें अपनी रिव्यु भी नहीं खोती हैं।