मुरैना। यातायात थाने में पदस्थ आरक्षक हरेंद्र सिंह जाट का शव थाना परिसर में बने एक कमरे में फांसी पर लटका मिला। शव के दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे। रविवार दोपहर को यहां पहुंचे स्वजनों ने हत्या किए जाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा था और एक डायरी थी, जो उन्हें पुलिस नहीं बता रही है, जिसमें उसने साथियों पर परेशान करने का आरोप लगाया है।
24 वर्षीय हरेंद्र सिंह जाट निवासी लठागुरी मथुरा अकेला होने की वजह से यातायात थाना परिसर में बने एक कमरे में रहता था। वह 2018 में पुलिस में भर्ती हुआ था। रविवार सुबह कमरे से लगे मंदिर का पुजारी आया और उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर रोशनदान से झांककर देखा तो हरेंद्र का शव फंदे से लटक रहा था। दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर पहुंची। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार पांडे भी मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने थाना परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज भी देखे खंगाले, जिसमें हरेंद्र शनिवार रात 11 बजे से लेकर डेढ़ बजे तक कई बार कमरे से अंदर बाहर हुआ है। इसके साथ ही अन्य कोई भी व्यक्ति इस ओर जाता नहीं दिखाई दिया। हरेंद्र के पिता सोदान सिंह, भाई सुशील व अन्य स्वजनों का कहना है कि पुलिस ने हरेंद्र का बैग तोड़कर उसकी डायरी व सामान जब्त किया है। बैग में पासवर्ड था, इसलिए इस बैग को फाड़कर डायरी को पुलिस ने जब्त किया है। जबकि हमें सामान दिखाया जाना चाहिए था।
मुरैना के एसपी ने सुनील कुमार कहा, ‘आरक्षक ने आत्महत्या की है। सीसीटीवी फुटेज से भी स्पष्ट हो रहा है। एक सुसाइड नोट भी उसने छोड़ा है, जिसमें उसने अपने साथियों द्वारा परेशान किए जाने की बात कही है। नाम किसी का नहीं लिखा है। उसने सुसाइड नोट के संबंध में किसी को मैसेज भी किया। तब उसके सुसाइड नोट को खोजकर जब्त किया गया।’