वाराणसी। पुलिस मुठभेड़ में दो बदमाशों की मौत के बाद जो जानकारी वाराणसी पुलिस को मिली वह काफी चौंकाने वाली थी। दरअसल यह बदमाश सगे भाई निकले। इनके परिवार में कुल पांच भाई हैं। एक भाई जहां सुबह मुठभेड़ के दौरान फरार हो गया था वहीं एक अन्य भाई संगीन वारदात के आरोप में झारखंड की जेल में सजा काट रहा है। जबकि एक भाई चारों से अलग सीधा है और घर पर ही देखभाल करता है। आरोप है कि यह बदमाश वाराणसी में दारोगा पर गोली चलाने से पहले एक दारोगा और एक सिपाही की हत्या कर चुके हैं।
वाराणसी के बड़ागांव इलाके में सोमवार की सुबह मारे गए दोनों बदमाश रजनीश सिंह और मनीष सिंह और इनका तीसरा फरार भाई लल्लन इसी वर्ष नौ सितंबर 2022 को पटना की बाढ़ जिला अदालत के शौचालय की दीवार को तोड़कर फरार हो गए थे। फरार होने के बाद से बिहार पुलिस इनकी लगातार तलाश में लगी हुई थी। लेकिन, इन दिनों इन बदमाश भाइयों ने अपनी करतूतें वाराणसी में शुरू कर रखी थीं। मगर दारोगा को गोली मारने के बाद यह पुलिस के रडार पर आ गए। फरारी के बाद से ही तीनों भाई पटना से भागकर वाराणसी में शरण लिए हुए थे।
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बिहार पुलिस के अनुसार तीनों भाइयों ने छह मार्च, 2017 को पटना के बेलछी थाना क्षेत्र के बाघाटिलहा गांव के समीप पीएनबी बैंक की शाखा से दिनदहाड़े 60 लाख रुपये लूट लिए थे। इस लूट के दौरान बैंक के गार्ड योगेश्वर पासवान, सुरेश सिंह और चालक अजित यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार यह तीनों भाई तीनों इसी कांड के आरोपित थे। इन तीनों पर पूर्व में बिहार में ही एक दारोगा और एक एएसआइ की भी हत्या करने का आरोप था।
बिहार पुलिस ने बताया कि यह सभी कुल पांच भाई हैं, इनमें से एक भाई सीधा साधा है जो समस्तीपुर में गांव पर रहता है, इनका एक और भाई किसी संगीन जुर्म में झारखंड की जेल में बंद है। बाकी ये तीनों सगे भाई संगठित तरीके से लगातार अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। वाराणसी में दारोगा पर हमला कर पिस्टल लूटने के बाद से पुलिस की निगाह में आ गए और सोमवार की सुबह मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिए गए।