नोएडा। एटीएम हैक करने वाले बदमाशों से बीस लाख रुपये व क्रेटा कार की रिश्वत लेने के मामले में पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने दोषी पाए गए तीसरे पुलिसकर्मी नितिन को भी पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इसी प्रकरण में पूर्व में एसओजी प्रभारी शावेज खान व सिपाही अमरीश को पहले ही पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं, पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एसओजी में इंस्पेक्टर समेत कुल 11 पुलिसकर्मी थे। तीन लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि आधा दर्जन से अधिक की भूमिका की जांच चल रही है। जिन पुलिसकर्मियों की गलत भूमिका मिलेगी उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, एटीएम हैक करने वाले बदमाशों को छोड़ने के मामले में पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने रविवार रात को ही हेड कांस्टेबल नितिन तोमर को भी पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया। पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के मुताबिक, इस पूरे मामले की जांच डीसीपी क्राइम कर रहे हैं। इसमें सभी 11 पुलिसकर्मियों की भूमिका के बारे में पता लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि 30 नवंबर को गाजियाबाद पुलिस की टीम ने कुछ बदमाशों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में बदमाशों ने कई चौंकाने वाली बात बताई। उन्होंने बताया था कि अगस्त में नोएडा पुलिस ने भी उन लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस ने 20 लाख रुपये व क्रेटा कार लेकर छोड़ दिया था। इसके बाद लखनऊ तक बात पहुंच गई थी। आनन-फानन में पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए थे। जांच के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर अब तक 3 पुलिस वालों को बर्खास्त किया जा चुका है।
यहां पर पता दें कि नितिन तोमर पहले भी कई गड़बड़ियों में संदिग्ध रहा है। इसी कड़ी में साल 2015 में गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी डा. प्रीतिंदर सिंह के आदेश पर सटोरियों को पांच लाख रुपये लेकर छोड़ने के आरोपी पुलिसकर्मियाें पर केस दर्ज हुआ था। इसमें भी नितिन तिमिर भी शामिल था।