रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम का त्योहार है। क्षाबंधन शब्द रक्षा + बंधन से मिलकर बना है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार देशभर में मनाया जाता है ।
रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को रक्षासूत्र बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बदले में भाई अपनी बहन को रक्षा का बचन देता है।
वेदिक आचार्य विकास नौटियाल के अनुसार रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.
इसलिए इसे कई जगह राखी पूर्णिमा भी कहते हैं 2020 के रक्षा बंधन की खास बात तो यह है की ऐसा संयोग 29 साल बाद आया है.
इस दिन श्रावण का आखिरी सोमवार भी है. इसके साथ श्रावण की पूर्णिमा है. इस बार रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि और आयुष्मान दीर्घायु योग का संयोग बन रहा है जिसकी वजह से इस बार का रक्षाबंधन बहुत शुभ रहने वाला है.
ओर दोस्तों 3 अगस्त को चंद्रमा का ही श्रवण नक्षत्र है. सबसे ख़ास बात इस दिन मकर राशि का स्वामी शनि और सिंह राशि का स्वामी सूर्य आपस मे सम सप्तक योग बना रहे हैं.
दोस्तों शनि और सूर्य दोनों आयु बढ़ाते हैं. इस लिए यह लाभ दायक योग है. दोस्तों अब बात करते है रक्षा बंधन के शुभ मुहूर्त की किस समय बहन अपने भोई को रखी बांधे ताकि उसका शुभ फल मिल सके,
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
दोस्तों रक्षा बंधन में ज़्यादा आवश्यक बात यह है की रक्षा बंधन बांधने के समय भद्रा नहीं होनी चाहिए. वह इस लिए क्यूँकि कहा जाता है रावण की बहन ने रावण को भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया.
इस बार रखी का शुभ मुहूर्त 3 अगस्त २०२० को है ओर ३ अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है. इसके बाद भद्रा ख़त्म हो जाएगी तो राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा. ओर रात्रि 9.30 तक अच्छा मुहूर्त रहेगा है.
दोस्तों अगर आपका भई या बहन आपके पास ना हो किसी कारण वश आप राखी ना बांध पाए , तो निराश होने की बिलकुल आवश्यकता नहीं है घर में हनुमान जी को अपनी राखी अर्पण कर दीजिएगा क्यूँकि हनुमान जी चिरंजीवी है ओर वह सदेव आपकी ओर आपके भाई की रक्षा करेंगे.
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Astrologer Vikas Nautiyal