उरई : सामूहिक दुष्कर्म के अपराध में 21 साल की सजा काट रहे कैदी की सोमवार को न्यायालय में पेशी के दौरान हालत बिगड़ गई। आनन-फानन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इसी बीच उसकी मौत हो गई।
कोर्ट में पेशी के दौरान अचानक बिगड़ी हालत
कोंच कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला गांधी नगर निवासी 61 वर्षीय सुरेश उर्फ मुन्ना को सोमवार को पुलिस अभिरक्षा में मुकदमे की पेशी के लिए कोर्ट में लगाया गया था। जिला जजी की हवालात में अन्य बंदियों के साथ उसे रखा गया था। अचानक बैरक में वह बेहोश हो गया। अन्य बंदियों का उसकी तरफ ध्यान गया तो उन लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। पुलिस कर्मियों ने बेहोश पड़े सुरेश की हालत देखी तो उनके होश उड़ गए। आनन-फानन उसे बैरक से निकालकर इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन इसी बीच उसकी मौत हो गई। चैकअप के बाद डॉ. अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने उसे मृत घोषित कर दिया। कैदी की मौत की सूचना मिलने के बाद पुलिस के अधिकारी जांच के लिए उरई जिला अस्पताल पहुंचे।
दुष्कर्म के अपराध में वर्ष 2010 में हुई थी सजा
जेल अधीक्षक नीरज देव ने बताया कि कैदी मुन्ना उर्फ सुरेश पुत्र फुन्दीलाल मूल रूप से झांसी जनपद के समझर का रहने वाला था। वर्ष 2010 उसे दुष्कर्म के अपराध में 21 साल की सजा सुनाई गई थी। 20 जून 2019 से वह जिला कारागार में बंद था। एक बार वह जेल से भागने में सफल हो गया था, लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। कुछ दिन से बह बीमार चल रहा था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ होगी मृत्यु की वजह
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यही पता चला है कि सुरेश बीमार चल रहा है। आर्म्स एक्ट के मुकदमे की तारीख पर उसे पेशी के लिए लाया गया था, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु की वजह साफ होगी।