नई दिल्ली। मध्य जिले के करोलबाग में बदमाश सीआइडी अधिकारी बनकर ज्वेलर से 45 लाख रुपये मूल्य के जेवरात लूटकर फरार हो गए। दोनों को जांच के बहाने रोककर बदमाशों ने उन्हें डराने के लिए सीआइडी का फर्जी आइ कार्ड दिखाया और जेवरात से भरा बैग छीनकर उन्हें थाने आने की बात कहकर बाइक से मौके से फरार हो गए। बैग में सोने के 56 कंगन थे। इसका वजन 872 ग्राम था। पीड़ितों की शिकायत पर करोलबाग थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
इरानी गिरोह पर आशंका
आशंका जताई जा रही है कि इरानी गिरोह ने वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की मदद से बदमाशों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस के मुताबिक मूलरूप से बंगाल का रहने वाला हफीजुल मौला करोलबाग के बीडनपुरा गली नंबर-34 में रहता है। वह मोइनुद्दीन नामक व्यक्ति के पास जेवरातों पर पालिश करने का काम करता है।
बैग में रखे थे 56 सोने के कंगन
हफीजुल की पहले खुद ही झारखंड में गोल्ड पालिश का काम था लेकिन साढ़े तीन साल से उसने मोइनुद्दीन के पास रहकर काम कर रहा है। रविवार दोपहर मोइनुद्दीन ने हफीजुल को गोपाल धारा नामक ज्वेलर के पास से पालिश करने के लिए जेवरात लाने भेजा था। हफीजुल अपने साथ एक कारीगर लेकर पैदल वहां पहुंच गया। गोविंद की दुकान पर पहुंचकर इन्होंने एक बैग में 56 सोने के कंगन लेकर वहां से पैदल अपनी दुकान के लिए चल पड़े।
बीडनपुरा की गली में बदमाशों ने रोका
बीडनपुरा के गली नंबर-17 में पहुंचने पर अचानक एक बदमाश ने हफीजुल के पास आकर उसे रोक लिया। उसने खुद को सीआइडी से होने की बात बता फर्जी आइ कार्ड दिखाया। इसके बाद बदमाश दोनों को पास में बाइक पर बैठे दो अन्य साथी के पास लेकर पहुंच गया। उनके बारे में अधिकारी होने की बात कही गई।
जांच के नाम पर की चेकिंग
तीनों ने जांच के बहाने बैग खोलकर जांच की और बातचीत के दौरान दहशत पैदा करने के लिए दोनों को तीन-चार थप्पड़ जड़ दिए, जिससे हफीजुल व गोविंद डर गए। बदमाशों ने आभूषण से भरा बैग लेकर जांच के लिए थाने आने की बात कहकर मौके से फरार हो गए।
दो बाइक पर सवार थे तीन बदमाश
तीनों बदमाश दो बाइक पर सवार थे। घटना के बाद हफीजुल ने मोइनुद्दीन को फोन कर घटना के बारे में जानकारी दी। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। गौरतलब है कि मध्य व उत्तरी जिला में सालों से बदमाश सीबीआइ, आइबी, सीआइडी व क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ज्वेलर व अन्य व्यापारियों को बेवकूफ बना उन्हें शिकार बना रहे हैं। बावजूद इसके व्यापारी इस तरह के फर्जीवाड़े के लिए जागरूक नहीं हो पा रहे हैं।